अम्बाला सिटी : 25 से 28 मार्च तक होने वाले तीसरी व पांचवीं कक्षा के एसेस्टमेंट टेस्ट को लेकर शुक्रवार को अध्यापकों को ट्रेनिंग दी गई। यह ट्रेनिंग ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुई। ट्रेनर प्रवीण कुमार तथा ओमप्रकाश ने ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को बताया कि एसेसमेंट टेस्ट से बच्चों की शिक्ष में काफी सुधार आएगा। शिक्षा का स्तर सुधारने की प्रणाली से अध्यापक भी बच्चों को पढ़ाते समय ज्यादा ध्यान देंगे।
शिक्षकों ने कहा कि अगर एसेसमेंट टेस्ट को बच्चों की परफोरमेंस के यदि शिक्षकों की एसीआर व पदोन्नति के साथ लिंक कर दिया जाए तो अध्यापकों के कार्य में अभूतपूर्व बदलाव आ सकता है। शिक्षकों ने कहा कि काश यह एसेसमेंट टेस्ट पहले शुरू हो जाता तो बच्चों की पढ़ाई में गुणवत्ता आ जाती।
थोड़ा समय मिलना चाहिए बच्चों को
मटहेड़ीशेखां स्कूल में फिजिक्स की लेक्चरर मनजीत कौर ने कहा कि बच्चों को यदि थोड़ा समय मिल जाता तो बच्चे अच्छी परफोरमेंस दिखा सकते। बच्चे मानसिक रूप से भी तैयार हो जाते। आगामी समय में यदि अध्यापकों की एसीआर में एसेसमेंट टेस्ट को लिंक कर दिया जाए तो किसी भी शिक्षक को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
क्या है एसेसमेंट टेस्ट
बच्चों के लर्निंग लेवल को मापने का एक तरीका एसेसमेंट टेस्ट है। इसमें एसीआरटी द्वारा तैयार की गई प्रश्नावली द्वारा बच्चों की गणित, हिंदी तथा अंग्रेजी विषयों की लर्निंग लेवल की एसेसमेंट की जाएगी। इससे पता चलेगा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों का लर्निंग लेवल क्या है। उस लर्निंग लेवल को बढ़ाने के लिए विभिन्न कक्षाओं के अध्यापन प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों व अन्य कार्यक्रमों में क्या-क्या परिवर्तन किए जाने चाहिए। यह निर्णय लेने में सहायता मिलेगी। इस एसेसमेंट टेस्ट से बच्चों की रैकिंग तथा अध्यापकों की पदोन्नति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आने वाले समय में इसे अध्यापकों की एसीआर से व पदोन्नति से लिंक किया जा सकता है।
परीक्षा होनी चाहिए
दुराना स्कूल में नवनियुक्त गणित के पीजीटी टीचर सुमित ने कहा कि बच्चों की परीक्षा जरूर होनी चाहिए। बेशक शिक्षा के अधिकार नियम के तहत सभी को बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता है, लेकिन परीक्षा के आधार पर बच्चों की रैंकिंग होनी चाहिए। रैंकिंग के आधार पर ही टीचर की पदोन्नति होनी चाहिए।
अच्छा कदम है यह
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