सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने ई रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं के लिए नए सिक्योरिटी फीचर अपनाए हैं। अब ई-रिटर्न भरने वाले करदाता को पिन नंबर भी बताना होगा। यह आयकर विभाग की साइट पर पंजीकरण के समय मिलने वाला पिन नंबर होगा। अभी यह ऐच्छिक है। आईटी पोर्टल पर मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी पंजीकरण करवाना होता है। लॉगइन करने के लिए हर सेक्शन के लिए अब मोबाइल व ई-मेल पर एक पिन नंबर भेजा जाएगा। इस पिन को डालने के बाद ही लॉगइन करना संभव होगा। करदाता की गोपनीयता के लिए ऐसा किया जा रहा है।
अभी संभव है ताकझांक
मौजूदा स्थिति में किसी व्यक्ति का पैन नंबर, जन्म तिथि जैसी प्राथमिक जानकारी होने पर किसी भी करदाता की ई-फाइलिंग का पासवर्ड बदले जाने की संभावना रहती है। कोई व्यक्ति दूसरे करदाता के एकाउंट में जाकर उसका डाटा देख सकता है। ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें किसी दूसरे का रिटर्न फाइल कर अतिरिक्त आय दिखा दी गई। ऐसे में करदाता को आईटी विभाग की नोटिस सहित कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। इसे रोकने के लिए ही सीबीडीटी ने यह कदम उठाया है। फिलहाल इसे वैकल्पिक रखा गया है।
करदाता-कंसल्टेंट दोनों को ही दिक्कत
अहमदाबाद के टैक्स कंसल्टेंट प्रमोद पोपट का कहना है कि टैक्स कंसल्टेंट के माध्यम से रिटर्न फाइल करवाने वालों को दिक्कत का सामना करना होगा। ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने के अंतिम दिनों में पिन नंबर जनरेट करने में करदाता एवं कंसल्टेंट दोनों को परेशानी होगी। अभी जनरेट होने वाले पिन में पांच रिटर्न फाइल होते हैं।
यूं मिलेगा पिन
- करदाता को मोबाइल नंबर व ई-मेल वेबसाइट पर रजिस्टर करवाना होगा
- एक मोबाइल नंबर पर चार से अधिक करदाता पंजीकरण नहीं करवा सकेंगे। जाहिर है, ऐसे में कोई कंसल्टेंट सभी करदाताओं की ओर से अपना नंबर नहीं दे सकेगा।
- इन दोनों नंबर को डालने पर ही लॉगइन किया जा सकेगा।
- ई-फाइलिंग करदाता स्वयं कर रहा है या सीए अथवा टैक्स प्रैक्टिशनर की मदद ले रहा है, यह बताना होगा।
- ई-फाइलिंग करते समय ही एक पिन नंबर मोबाइल तथा दूसरा ई-मेल पर आएगा
- यह पिन नंबर एक सेशन तक ही वैध होंगे। दूसरी बार लॉगइन करने के लिए पुन: पिन जनरेट करवाना होगा। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.