समालखा : बोर्ड परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के शिक्षा विभाग के तमाम दावे खोखले दिखे। नकल केवल पर्ची से ही नहीं, बल्कि आंसरशीट को बाहर तक देकर एग्जाम कराया गया। ऐसा ड्यूटी पर तैनात शिक्षक ही खुलेआम करते देखे गए। यह नजारा बुधवार को भापरा रोड स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सुबह के समय हो रही बारहवीं की रिअपीयर गणित की परीक्षा के आखिरी क्षणों में देखने को मिला। मीडिया कर्मियों के कैमरे को देख शिक्षक और विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया और बाहर दी गई आंसरशीट और पर्चियों को समेटते नजर आए।
खुलेआम चली नकल
भापरा रोड स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सुबह के समय दसवीं की विज्ञान व बाहरवीं की रिअपीयर गणित की परीक्षा चल रही थी। स्कूल के मैदान की तरफ खुलने वाले गेट के पास सेंटर नंबर एक के कमरे के बाहर खिड़की पर पर्ची पहुंचाने वाले युवकों का जमावड़ा लगा था और परीक्षार्थी भी खुलेआम नकल कर रहे थे। यही नहीं, पीछे बैठी एक छात्रा की आंसरशीट तो खिड़की के जरिए बाहर तक भेज दी गई। मीडिया कर्मियों के पहुंचने की भनक लगते ही ड्यूटीरत शिक्षक के होश उड़ गए और आनन फानन में बाहर दी गई छात्रा की सीट को वापस ले लिया। वहीं, कमरे के अंदर बेरोकटोक नकल कराने वाले शिक्षक ने साथी अध्यापकों और परीक्षार्थियों के बीच वाहवाही लूटने से भी गुरेज नहीं किया। परीक्षा खत्म होने के बाद मेजबान स्कूल में ही तैनात एक शिक्षक ने परीक्षार्थियों से पेपर के बारे में पूछा तो कमरे में तैनात शिक्षक ने फट से जवाब दिया कि भाई मैं गणित का अध्यापक तो नहीं। लेकिन मैंने छूट देने में भी कसर नहीं छोड़ी। चाहे बच्चों से पूछ लो। साथ में खड़े एक परीक्षार्थी ने खुशहाल चेहरे के साथ फट से जवाब दिया। सर, क्या बताऊं इन्होंने तो सौ से ज्यादा नंबर का पेपर करा दिया। इस संबंध में कमरे के अंदर पर्चियों के जरिए परीक्षार्थियों द्वारा पेपर करने के सवाल पर सेंटर अधीक्षक ने कहा कि ऐसा नहीं है। नकल को रोकने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं।
होगी जांच, दोषी मिलने पर की जाएगी कार्रवाई
बीईईओ बृजमोहन गोयल ने कहा कि नकल रोकने के लिए विभाग व बोर्ड की ओर से सख्त इंतजाम किए गए हैं। यदि फिर भी ऐसा हुआ है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
परीक्षार्थियों के स्थान पर दूसरे दे रहे परीक्षा
इसराना : हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा कराई जा रही बोर्ड परीक्षाओं में जमकर धोखाधड़ी चल रही है। परीक्षाओं में ड्यूटी दे रहे अध्यापक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे। परीक्षार्थियों की जगह दूसरे बच्चे परीक्षा दे रहे हैं। कुछ स्कूल संचालकों और प्राइवेट एजुकेशन सेंटर चलाने वालों ने इसे व्यापार बना लिया है। सूत्रों के अनुसार डाहर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दसवीं की परीक्षाओं में दो बच्चे दूसरों कि जगह परीक्षा दे रहे हैं। जब भास्कर टीम स्कूल में पंहुची तो उन्हीं रोल नंबरों पर वही बच्चे मिले जिनके नाम बताए गए थे। इन दोनों में से एक पास तो रोल नंबर स्लीप ही नहीं थी और दूसरे के पास थी भी तो उसमें फोटो बिल्कुल धुंधला था। इन बच्चों से बात की गई तो इनमें से एक को अपनी जन्म तिथि याद नहीं थी और स्कूल का नाम तक भी सही से नहीं पता था और दूसरे का कहना था कि वह अपनी रोल नंबर स्लीप भूल आया है। dbpnpt
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