फरीदाबाद : स्थाई करने की मांगों को लेकर कई साल से धरना-प्रदर्शन करते रहे अतिथि अध्यापकों ने चेतावनी दी है यदि इस बार विधानसभा चुनाव में वे और उनके परिवार उसी नेता पार्टी को वोट देंगे जो अपने घोषणा पत्र में उनकी मांग को शामिल करेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी राजनीतिक पार्टी ने घोषणा पत्र में उनकी मांगों को शामिल नहीं किया तो वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। वे उनके परिवार और रिश्तेदार किसी भी नेता या पार्टी विशेष को वोट नहीं देंगे।
प्रदेश में हैं 15 हजार अतिथि अध्यापक
हरियाणाअतिथि अध्यापक संघ की मंगलवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संघ के जिला प्रधान रघुनाथ शास्त्री ने कहा कि प्रदेश में 15 हजार अतिथि अध्यापकों की संख्या है। इनके साथ ही परिवार को मिलाया जाए तो यह संख्या 50 हजार से अधिक है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को प्राथमिकता के साथ घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया गया तो वे खुद उनका परिवार और उनके रिश्तेदारी का कोई भी सदस्य संबंधित नेता काे वोट नहीं देगा। उनका परिवार चुनावों का बहिष्कार करेगा। जिले में इनकी संख्या करीब 800 है। अगर बात इनके परिवार समेत की जाएं तो इनकी संख्या पांच हजार के करीब है। जो सिर्फ उसी नेता का समर्थन करेंगे जो संघ की मांगों का समर्थन करेगा।
नौ वर्षों से मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
संघ के अनुसार प्रदेश सरकार के विद्यालयों में पिछले नौ वर्ष से अतिथि अध्यापक सेवा दे रहे हैं। वे लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। 2008 में एक प्रदर्शन के दौरान शिक्षिका राजरानी की मौत भी हो गई। लेकिन सरकार का दिल नहीं पसीजा। बार-बार सरकार की ओर से आश्वासन दे दिए जाते हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। स्थिति जस की तस रहती है। सरकार सिर्फ आश्वासन देती है। इसके बाद वह सब भूल जाती है। ऐसे में अतिथि अध्यापक संघ ने निर्णय लिया है कि यदि किसी भी नेता ने उनकी मांगों का समर्थन नहीं किया तो वे चुनावों का बहिष्कार करेंगे। वे उनका परिवार और रिश्तेदार किसी को भी वोट नहीं देंगे। db
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