** 2000 से 10000 हजार रुपए तक देने होंगे स्कूलों को, भिवानी बोर्ड का फैसला
यमुनानगर : अभी तक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान थे। लेकिन अब प्राइवेट स्कूल संचालक परेशान हैं। वे परेशान इसलिए हैं कि भिवानी बोर्ड ने अस्थाई संबद्धता की फीस 400 प्रतिशत बढ़ा दी है। पहले फीस दो हजार रुपए देनी पड़ती थी, लेकिन अब दस हजार रुपए देनी होगी। यह फीस स्कूल संचालकों को हर साल बोर्ड में जमा करना होती है। इसके बाद ही वे स्कूलों को चला पाते हैं। फीस बढ़ाने से स्कूल संचालकों का पारा भी बढ़ा हुआ है। वे इसे कम कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस बारे में शिकायत वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को दी गई है। स्कूल संचालकों का कहना है कि इस मामले में वे चुप नहीं बैठेंगे। क्योंकि यह तो मनमानी है।
अगर फीस नियम के अनुसार बढ़ाई जाती तो वे देने के लिए तैयार थे। लेकिन एक साथ 400 प्रतिशत वृद्धि करना तो गलत है। जब स्कूल संचालकों के लिए नियम बनाए हुए हैं कि वे 15 से 20 प्रतिशत फीस ही बढ़ा सकते हैं तो फिर बोर्ड के लिए क्यों नहीं है।
बोर्ड अधिकारियों पर आरोप
स्कूल संचालक नरेंद्र जगूड़ी, साहब सिंह नाचरौन, पलविंद्र ठसका खादर, सुनील जठलाना, मोहन पूर्णगढ़, अरविंद बकाना और राजेश रादौरी का कहना है कि संबद्धता फीस बढ़ाने का निर्णय सरकार ने नहीं लिया है। यह मामला सीएम की नॉलेज में भी नहीं डाला गया है। बोर्ड के अधिकारियों ने खुद ही फैसला ले लिया है। एक बार भी स्कूल संचालकों की राय नहीं ली गई है। उनका कहना है कि पहले ही महंगाई के चलते स्कूल चलाना मुश्किल हो रहा है। अब संबद्धता फीस दो हजार की बजाए दस हजार करने से स्कूल संचालकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। हम नहीं चाहते कि इसका असर बच्चों पर जाए।
स्कूल संचालकों का कहना है कि वे ग्रामीण स्तर पर छोटे-छोटे स्कूल खोलकर समाज को शिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। कम फीस पर बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा दे रहे हैं। लेकिन बोर्ड के अधिकारी मनमानी करने पर उतरे हुए हैं। उनका कहना है कि वे जल्द ही सीएम से मिलेंगे। उम्मीद है कि उनकी मांग की सुनवाई होगी। db
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