** अवकाश में स्कूल लगाने के सरकारी आदेशों का विरोध करते हुए हसला ने भेजा सीएम को पत्र
रेवाड़ी : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) की जिला कार्यकारिणी की बैठक रविवार को शहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल में हुई। बैठक की अध्यक्षता हसला प्रधान हरीश यादव ने की। प्रधान ने कहा कि सरकार ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान 50 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अध्यापकों को 1 जून से 30 जून तक स्कूलों में पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इन शिक्षकों को सुबह 8 से दोपहर 2.30 बजे तक स्कूल में पढ़ाने के निर्देश हैं, जो कि एक तुगलकी फरमान है। हसला पदाधिकारियों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए रोष प्रकट किया।
राज्य उप प्रधान अभय सिंह ने कहा कि खराब परिणाम के लिए सरकारी नीतियां ही काफी हद तक जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली से आठवीं तक बिना परीक्षा के बच्चों को पास करने का नियम बनाया हुआ है, इससे बच्चों की पढ़ने की आदत छूट रही है। जरूरी है कि पांचवीं आठवीं कक्षा में बोर्ड हो। बगैर परीक्षा करने का नियम बनने से पिछले 9 वर्ष का परिणाम खराब रहा है। जिला प्रधान ने कहा कि 9वीं कक्षा में ये हालात है कि बच्चों को हिंदी तक लिखनी नहीं आती। दस तक पहाड़े नहीं आते ऐसे में शिक्षा का स्तर कैसे उठे। उन्होंने कहा कि इतनी गर्मी में दोपहर 2.30 बजे तक छात्रों का स्कूल में रुक पाना ही असंभव है। इसलिए ये फैसला वापस हो। इस दौरान सीएम के नाम ज्ञापन भी ई-मेल से भेजा गया। उन्होंने कहा कि हम बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार है, मगर पहले पांचवीं और आठवीं में बोर्ड लागू किया जाए। db
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