चंडीगढ़ : प्रदेश की मनोहर सरकार गेस्ट व कंप्यूटर शिक्षकों तथा लैब सहायकों की एडजेस्टमेंट को लेकर बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 14 जून को चंडीगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों तथा शिक्षकों की अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट तथा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में शिक्षकों की वकालत करने वाले वकील भी भाग ले सकेंगे।
यही नहीं, इससे पहले गेस्ट शिक्षकों का समाधान निकालने के लिए शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की सेकेंडरी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ 2 जून को बैठक भी होगी। अधिकारियों एवं शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ होने वाली बैठक की रिपोर्ट सीएम के पास जायेगी। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर भी कानून के जानकारों से गेस्ट शिक्षकों का रास्ता निकालने को लेकर सलाह ले रही है। शनिवार को पहले शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा और बाद में सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई वार्ता के बाद गेस्ट शिक्षकों को भी अब उम्मीद जाग गई है। गेस्ट शिक्षकों का कहना है कि वे 2 जून को सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक एमएल कौशिक के साथ होने वाली बैठक में कानूनी पक्षों को रखेंगे।
वहीं दूसरी ओर गेस्ट शिक्षक सरकार की इस पेशकश से सहमत नहीं हैं कि उन्हें नियमित भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षकों का कहना है जब 2005 में उनकी भर्ती हुई थी तो उस समय 1998 के सर्विस रूल उन पर लागू हुए थे। इसके बाद 2002-03 में पूर्व की कांग्रेस सरकार सर्विस रूल बदल चुकी है। ऐसे में सरकार चाहकर भी उन्हें नियमित भर्ती में एडजस्ट नहीं कर सकेगी। शिक्षकों का कहना है कि वे नियमित भर्ती में तभी एडजस्ट हो सकते हैं, जब 1998 के सर्विस रूल को लागू करके भर्ती की जाए।
इधर, शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कार्यरत मास्टरों को लेक्चरर के पद पर पदोन्नत करके गेस्ट शिक्षकों को एडजस्ट करने का रास्ता निकालने की तैयारी कर दी है। पदोन्नत के बाद खाली होने वाले मास्टरों के पदों पर गेस्ट शिक्षक एडजस्ट हो सकेंगे, इससे वे सरप्लस भी नहीं रहेंगे। पदोन्नति की प्रोविजनल सूची विभाग ने तैयार कर ली है। पदोन्नति सूची में शामिल सभी शिक्षकों से उनकी एससीआर सहित दूसरे दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई है ताकि जल्द से जल्द पदोन्नति सूची जारी हो सके। dt
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