चंडीगढ़ : गेस्ट टीचर्स और कंप्यूटर लैब सहायकों के आंदोलन पर फिलहाल विराम लगाने के बाद अब मनोहर सरकार नौकरी गवां चुके कंप्यूटर शिक्षकों को साधने की तैयारी में है। शिक्षा निदेशालय के बाहर कंप्यूटर शिक्षक चार माह से अधिक समय से अनशन कर रहे हैं। दो सप्ताह से परिवार के सदस्यों सहित महापड़ाव चल रहा है। सरकार जल्द ही इनका आंदोलन भी खत्म कराना चाह रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसका जिम्मा अपने ओएसडी जवाहर यादव को सौंपा है।
शिक्षकों से पहले कई बार वार्ता कर चुके यादव ने सोमवार सुबह 11 बजे शिक्षकों को दोबारा बातचीत के लिए सचिवालय में बुलाया है। शनिवार रात कंप्यूटर लैब सहायकों का आमरण अनशन खत्म कराने के समय भी यादव शिक्षकों से मिले थे। सरकार इन पर नई भर्ती में अनुभव आधार पर वरीयता देने का कूटनीतिक दबाव बनाए रही है, लेकिन शिक्षक फिलहाल इस पेशकश को घाटे का सौदा मानते हुए स्वीकार नहीं कर रहे। चूंकि तीन वर्ष तक उन्होंने सरकारी स्कूलों में सेवाएं दी हैं। वे बिना लिखित परीक्षा के ही अनुबंध बढ़ाने पर अड़े हैं। उधर, शिक्षकों की इस मांग को सरकार मानने को तैयार नहीं है। बीते सप्ताह सरकार के निर्देश पर शिक्षकों की मेरिट सूची की जांच शुरू हो चुकी है, मगर अभी तक रिपोर्ट नहीं आई। यादव ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि मेरिट सूची ठीक होने पर उनकी भर्ती नए सिरे से नहीं होगी। इसलिए अब मेरिट सूची की जांच रिपोर्ट पर भी निगाहें टिकी हैं। मनोहर सरकार इनकी भर्ती को बैक डोर एंट्री मानते हुए मेरिट सूची पर सवाल उठाती रही है। ऐसे में कंप्यूटर शिक्षक बीच में फंसे हुए हैं। रिपोर्ट सकारात्मक न होने पर दोबारा भर्ती प्रक्रिया से गुजरना ही पड़ेगा। dj
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