आखिर वही हुआ जिसका भय था। प्रदेश सरकार ने मेवात के बाद सिरसा, हिसार, जींद और फतेहाबाद के 1123 अतिथि अध्यापकों की सेवाएं निरस्त करने के बाद चौथे दिन शेष सभी सरप्लस शिक्षकों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। पिछली सरकार ने 15 हजार से अधिक गेस्ट टीचर भर्ती किए थे, अब शिक्षा विभाग के नए कदम से अन्य की चिंता गहरा जाना स्वाभाविक है। शिक्षा विभाग ने चार हजार से अधिक गेस्ट टीचर सरप्लस होने का हलफनामा उच्च न्यायालय में दिया था। अब भले ही सरकार लाख दलील दे कि कोर्ट के निर्णय के सामने वह मजबूर थी, उसके पास और कोई विकल्प नहीं था, लेकिन यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी कि आश्वासनों का झांसा देते हुए जो गलतियां पिछली सरकार ने की थी, नई भी उसी के पदचिन्हों पर चल रही है। सरकार ने गेस्ट टीचरों पर निर्णय लेते वक्त कितने यू-टर्न लिये, उनकी गिनती शायद उसे भी याद नहीं। पहले चुनावी वादा किया कि सत्ता में आए तो सभी सभी को नियमित कर दिया जाएगा। सत्ता में आने के बाद एक तरफ आश्वासन दिया, दूसरी ओर अदालत में हलफनामा दायर कर दिया कि चार हजार से अधिक गेस्ट टीचर सरप्लस हैं। इसके बाद सीएम सिटी समेत सभी जिलों में अतिथियों के महापड़ाव और आंदोलन का सिलसिला चला, कई और संगठन भी सड़क पर उतर आए, दबाव में मंत्रिसमूह की विशेष बैठक बुलाई लेकिन स्पष्ट नीति जाहिर नहीं की। मुख्यमंत्री और मंत्री से अंतिम आश्वासन मिला कि किसी को निकाला नहीं जाएगा। इसके बाद तनिक संतुष्ट होकर अतिथि अध्यापकों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। गेस्ट टीचरों ने कुछ दिन निश्चिंतता की सांस ली इसके बाद एकाएक सरकार ने अपने तेवर बदलते हुए बर्खास्तगी शुरू कर दी। तमाम घटनाक्रम से सरकार की कथनी और करनी का अंतर पूरी तरह स्पष्ट हो गया है। उसे इस सवाल का जवाब तत्काल देना होगा कि निकाले गए गेस्ट टीचर अब कहां जाएंगे, उन्हें अब कहां ठौर मिलेगी? शिक्षक लगना उनकी भूल थी या उन्हें लगाना सरकार की गलती? नियुक्ति देते समय क्या शिक्षा विभाग को नियम कायदों की जानकारी नहीं थी? नियमों में कमी थी तो उन्हें दुरुस्त करने के लिए क्या एक दशक का समय कम था? क्या सारा खेल सियासी मंसूबे पूरे करने के लिए खेला गया था? नैतिकता और संरक्षक का दायित्व पूरा करने के लिए सरकार को तत्काल आगे आना चाहिए। यह भी सुनिश्चित हो कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति भविष्य में सामने न आए। dj
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*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
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