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Sunday, 7 June 2015

.... तो बंद होंगी रि-अपीयर बच्चों की विशेष कोचिंग कक्षाएं

** प्रतिदिन दस सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे जिला शिक्षा अधिकारी
जींद : आखिर वही हुआ, जिसकी आशंका जताई जा रही थी। सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षा के रि-अपीयर बच्चों के लिए शुरू की गई विशेष कोचिंग कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति कम पाए जाने पर अब इन कक्षाओं को बंद भी किया जा सकता है। इससे पहले जिला शिक्षा अधिकारी दस-दस स्कूलों का निरीक्षण यह जांच करेंगे कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कितनी है। उसकी रिपोर्ट दो दिन में बनाकर अधिकारी मुख्यालय भेजेंगे। उसके बाद मुख्यालय यह निर्णय लेगा कि कक्षाओं को बंद किया जाए या नहीं।
प्रदेश सरकार ने 10वीं व 12वीं कक्षाओं का वार्षिक परीक्षा परिणाम कम होने की स्थिति में दोनों कक्षाओं में रि-अपीयर वाले विद्यार्थियों तथा विषय अनुसार 50 प्रतिशत से कम परिणाम आने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए गर्मियों की छुट्टियों के दौरान एक से 30 जून तक विशेष कोचिंग कक्षाएं लगाने का निर्णय लिया था। यह आदेश गर्मी की छुट्टी शुरू होने से एक दिन पूर्व यानी 30 मई को जारी किए गए, लेकिन जब तक स्कूलों की छुट्टी हो चुकी थी, ऐसे में सभी विद्यार्थियों तक यह सूचना नहीं पहुंच सकी थी। वहीं शिक्षक संगठनों ने भी इसका विरोध किया था।
बच्चों के पास समय पर सूचना न पहुंचने के कारण विशेष कोचिंग कक्षाएं शुरू करने पर बच्चों की संख्या का आंकड़ा इन कक्षाओं में नाममात्र ही देखने को मिल रहा है। पहले तो अधिकतर स्कूलों में बच्चे ही नहीं पहुंचे थे। बाद में स्कूली शिक्षकों द्वारा मुनादी व मोबाइल आदि के जरिये बच्चों को स्कूलों में बुलाने का काम किया, लेकिन स्कूलों में छात्र की संख्या का आंकड़ा नहीं बढ़ पा रहा। ऐसे में विभाग ने निर्णय लिया है कि जिला शिक्षा अधिकारी, उप जिला शिक्षा अधिकारी तथा खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के दस-दस सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और यह देखेंगे कि इन विशेष कक्षाओं में छात्रों की संख्या कितनी है।
ई-लीव पड़ सकती भारी
एक तरफ विशेष कोचिंग कक्षाएं लगाने में विद्यार्थी रुचि नहीं ले रहे हैं, वहीं विभाग शिक्षकों को कक्षाएं लेने पर ई-लीव दे रहा है। इससे विभाग पर दोहरा भार पड़ रहा है। ऐसे में अब विभाग चाहता है कि इन कक्षाओं का जल्द से जल्द निरीक्षण कर रिपोर्ट ली जाए और यदि बच्चे नहीं आते हैं तो इन कक्षाओं को बंद कर दिया जाए ताकि शिक्षकों को ई-लीव का भी फायदा नहीं मिल सके।
संघ शुरू से कर रहा था विरोध : भूप
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा का कहना है कि संघ शुरू से ही इस योजना का विरोध कर रहा है, क्योंकि योजना का उद्देश्य केवल शिक्षक को प्रताड़ित करना ही रहा है।                                                 dj

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