हिसार : प्रदेश के 61 स्कूलों में दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जीरो रहा, जबकि दूसरे 100 स्कूलों में मात्र 1-1 छात्र ही पास हो पाए। यह सभी सरकारी स्कूलों में ही हो सकता है। स्कूलों के इस गिरते स्तर का असली कारण है प्रदेश सरकार की गलत नीतियां। यह बात शनिवार को हरियाणा कर्मचारी महासंघ के पूर्व महासचिव एमएल सहगल महासंघ के जिला चेयरमैन राजपाल नैन ने एक संयुक्त बयान जारी कर कही।
पिछली वर्तमान सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। दस वर्ष पूर्व शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता की कमी के कारण ही पूर्व मुख्यमंत्री पुत्र सहित 50 से अधिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित जेल में हैं। 16 हजार अतिथि अध्यापकों की भर्ती पर उच्चतम न्यायालय तीखी टिप्पणी कर चुका है db
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