पानीपत : प्रदेश के 204 एडिड स्कूलों के नियमित स्टाफ की सरकार से खफा है। उनकी मांग है कि भाजपा सरकारी सेवा में समायोजन का वादा निभाए। भाजपा ने इसे घोषणापत्र में शामिल किया था। हालांकि पिछली सरकार में 10 नवंबर 2013 को गोहाना रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एडिड स्कूलों के रेगुलर स्टाफ को सरकारी सेवा में समायोजन की घोषणा की थी, लेकिन उस पर अमल नहीं किया।
अब सरकारी सहायता प्राप्त (एडिड) स्कूलों के शिक्षक हरियाणा प्रांत अध्यापक संघ के बैनर तले संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं। एडिड स्कूलों में 2000 से ज्यादा शिक्षक और गैर शिक्षक हैं। एडिड स्कूल शिक्षकों की पानीपत में हुई राज्य स्तरीय बैठक में फैसला लिया गया है कि 16 जून को प्रतिनिधि मंडल शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से चंडीगढ़ में मिलेगा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा, प्रदेश महासचिव शिव निवास तिवारी ने बताया कि समायोजन पर सरकार जल्द फैसला नहीं लेती है, ताे आगामी संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी। राजस्थान और हिमाचल में एडिड स्कूल स्टाफ का समायोजन हो चुका है। दिल्ली और उत्तरप्रदेश में शत प्रतिशत वेतन सरकारें देती हैं।
अटके हैं वेतन :
एडिड स्कूल में शिक्षक और गैर शिक्षकों को 75 प्रतिशत वेतन सरकार और 25 प्रतिशत स्कूल प्रबंधन उपलब्ध करवाता है। वर्ष 2010 में एडिड स्कूल प्रबंधनों ने सरकार को शपथ पत्र देकर पल्ला झाड़ लिया कि वे 25 प्रतिशत वेतन देने में सक्षम नहीं हैं। इसके बाद से अनेक स्कूलों में सरकारी 75 प्रतिशत वेतन ही शिक्षकों को मिला। ऐसे में शिक्षकों के 7 से 30 माह तक के वेतन अटके हुए हैं। प्रदेश में गोहाना, करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद पानीपत में एक-एक एडिड स्कूल सेल्फ फाइनेंस पर चालू कर दिए गए हैं। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.