कैथल : चार जिलों से अतिथि अध्यापक हटाए जाने से कैथल जिले के अतिथि अध्यापकों में काफी रोष है। इसी के चलते सोमवार सुबह दस बजे अतिथि अध्यापक जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के राज्य प्रधान राजेंद्र शर्मा शास्त्री और कैथल के जिला प्रधान मास्टर सुभाष चंद ने कहा कि सरकार पड्यंत्र के तहत अतिथियों को हटा रही है। वर्कलोड होते हुए भी अतिथि अध्यापकों को हटाने के विरोध में सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद वे बुधवार 17 जून को शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के खिलाफ महेंद्रगढ़ में पहापड़ाव डालेंगे। राज्य प्रधान ने कहा कि एक तरफ तो सरकार बातचीत का दिखावा करती है, प्रदेश के शिक्षा मंत्री हर रोज बयान देते है कि सरकार अतिथि अध्यापकों के प्रति सकारात्मक है। जबकि दूसरी और 10 जून को मेवात में 149 अतिथि अध्यापकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। रविवार को भी हिसार, सिरसा व फतेहाबाद से अतिथि अध्यापकों को घर का रास्ता दिखा दिया।
उन्होंने कहा कि 10 साल बिना कोई सुविधा व न्यूनतम वेतन में काम करने के बावजूद सरकार पीठ थपथपाने की बजाय ओछे हथकंडे अपनाकर हजारों परिवारों की रोजी रोटी छिनने का काम तेज से कर रही है। विरोध करने पर लाठियां व गोलियों से अतिथि अध्यापकों पर अत्याचार किये जा रहे है। जिला प्रधान मास्टर सुभाष चंद ने कहा कि सरकार नियमों को ताक पर रखकर मौलिक अध्यापकों को 36 पीरियड सप्ताह दिये जा रहे है, ताकि अतिथि अध्यापक किसी भी तरह अपने रोजगार को न बचा सके। उन्होंने कहा कि 18 अगस्त 2011 को शिक्षा विभाग ने हाइकोर्ट में शपथ पत्र दिया था, इसके अनुसार मुख्याध्यापकों से अध्यापन कार्य लेना हाइकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। क्योंकि नियुक्ति के समय वर्कलोड का प्रावधान नहीं किया गया है।
जिला प्रधान ने कहा कि सरकार वर्कलोड होते हुए भी अतिथि अध्यापकों को हटाने के लिए हाइकोर्ट के आदेश का हवाला दे रही है। दूसरी तरफ मुख्याध्यापकों से पढ़वाकर खुद हाइकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रही है। इसी के विरोध में सभी अतिथि अध्यापक जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। dj7:09
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