हिसार : सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान जयवीर सिंह व सचिव प्रभू सिंह ने सरकार द्वारा प्रस्तावित रेशनलाइजेशन प्रक्रिया के अव्यवहारिक पहलुओं में सुधार की माग की है। जिला सचिव प्रभु सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियां शिक्षा विरोधी हैं। ऐसी नीतिया लागू की जा रही हैं जिनसे अध्यापकों के ज्यादा से ज्यादा पद समाप्त करके वर्तमान ढाचे को सिकौड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रेशनलाइजेशन नीति में विषयों का वर्कलोड घटाया जा रहा है। कक्षा का आकार बढ़ाया जा रहा है।
कक्षा 6 से 8 में 51 बच्चों पर व 9 से 12 में 61 बच्चों पर दूसरा सेक्शन बनाया जा रहा है। अध्यापक कैसे 60 बच्चों की कक्षा को न्यायपूर्ण तरीके से शिक्षण कार्य करवा सकता है। दो-दो विषयों को जोड़कर एक अध्यापक को पढ़ाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। साइंस के अध्यापक को गणित व हिन्दी के अध्यापक को संस्कृत पढ़ाने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस नीति के अव्यवहारिक पहलुओं में तुरंत सुधार करना चाहिए। जिला प्रधान जयवीर सिंह व जिला सचिव प्रभु सिंह ने कहा कि प्रस्तावित रेशनलाइजेशन नीति में कक्षा 9-10 का वर्कलोड उच्च विद्यालयों में मास्टर व सीएंडवी व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्राध्यापक को जोड़ा जाना प्रस्तावित है। यह अच्छा कदम है और अध्यापक संघ की इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री व मुख्य शिक्षा सचिव टीसी गुप्ता से बातचीत के बाद सहमति बनी थी। इस अवसर पर सुरेन्द्र सैनी, सुमन माला, वेद प्रकाश, पवन कुमार, गजे सिंह भ्याण व अलका आदि भी उपस्थित थे।
अध्यापक संघ की ये है मागें:-
- रेशनलाइजेशन 30 सितंबर की छात्र संख्या के आधार पर होनी चाहिए।
- आरटीई के अनुसार सभी विषयों के अलग अलग अध्यापक दिए जाए।
- सेक्शन का आकार उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 35 व प्राथमिक विद्यालयों में 30 से ज्यादा न हो।
- मास्टर व सीएंडवी का साप्ताहिक वर्कलोड 36 व प्राध्यापक का 30 पीरियड से ज्यादा न हो।
- सप्ताह में विषय के पीरियड कम से कम 6 व मुख्य विषयों के 10 से कम न हों।
- प्रैक्टिकल विषयों का वर्कलोड लग से जोड़ा जाए इत्यादि मागे शामिल हैं dj8:17
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