चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी उच्च विद्यालयों में सेवाएं दे रहे लेक्चरर को अब सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में ही डयूटी देनी होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पूरा होने पर लेक्चरर हाई स्कूल में नौवीं और दसवीं कक्षा को नहीं पढ़ा पाएंगे।
सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कई विषयों के लेक्चरर के पद खाली चल रहे हैं, जबकि उसी विषय के लेक्चरर हाई स्कूल में सेवारत हैं। रेशनेलाइजेशन के बाद सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लेक्चरर की कमी पूरा हो जाएगी और हाई स्कूल में सरप्लस चल रहे गेस्ट टीचर्स को राहत मिलेगी। रेशनेलाइजेशन से अंदाजन हाई स्कूलों में मास्टरों के दो से ढाई हजार पद खाली होंगे। मनोहर सरकार ने लेक्चरर को उनके मूल कैडर में भेजने का निर्णय लेकर सरप्लस गेस्ट को बचाने की भी तरकीब निकाली है। पूर्व हुड्डा सरकार के समय लगभग 15 हजार लेक्चरर की भर्ती हुई थी। उस समय सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में इतने पद खाली न होने पर लेक्चरर को नौवीं और दसवीं कक्षा पढ़ाने का भी विकल्प दे दिया था। लेक्चरर ने घर के पास के स्कूलों को तवज्जो दी।
अब विभाग एक तीर से दो निशाने लगाने जा रहा है। रेशनेलाइजेशन कर लेक्चरर के खाली पदों को भी भर दिया जाएगा और गेस्ट के लिए भी स्कूलों में पोस्ट खाली हो जाएंगी। शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने स्कूलों की रिपोर्ट वर्क लोड और शिक्षकों की संख्या सहित जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दी है। dj
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