चंडीगढ़ : आर्थिकरूप से कमजोर करीब 65 हजार बच्चों को शिक्षा नियम 134-ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने का फैसला शनिवार तक भी लागू नहीं किया। यह स्थिति तब है जब हाईकोर्ट ने 31 जुलाई को साफ तौर पर कहा था कि वह या तो सात दिन में इन गरीब बच्चों का दाखिला कराए, नहीं तो एलीमेंट्री एजुकेशन के अधिकारी कंटेम्प्ट भुगतने को तैयार रहें। कोर्ट ने 13 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी है।
इस मामले में मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारी शुक्रवार शाम तक सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे थे, लेकिन सरकार इस बारे में कोई फैसला नहीं ले सकी थी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहिताश्व खरब ने उम्मीद जताई कि अब सोमवार को इस बारे में कुछ स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है। हालांकि सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा था कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करने की तैयारी रही है, लेकिन उनकी इस दलील को कोर्ट ने नहीं माना था।
इधर, इस मामले की अगुवाई कर रहे 2 जमा 5 मुद्दे जन आंदोलन के अध्यक्ष सतबीर हुड्डा का कहना है कि पहली से 8वीं कक्षा तक के 65 हजार छात्रों का भविष्य पिछले 3 महीने से अधर में लटका हुआ है। डायरेक्टर मौलिक शिक्षा विभाग के पास इन बच्चों के दाखिले का रिजल्ट तैयार पड़ा है, लेकिन सरकार इसे जारी करने की अनुमति ही नहीं दे रही है। db
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