** उच्चतर शिक्षा निदेशालय का नियम बना फांस, अब फ्रेशर नहीं रिटायर्ड प्रिंसिपल-प्रोफेसर चाहिए
कभी सुना है कि नौकरी तो है, लेकिन आवेदक नहीं मिल रहे। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में इन दिनों ऐसा ही हो रहा है। प्रदेश के 120 सरकारी कॉलेजों में चार हजार से ज्यादा एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए, लेकिन नहीं मिल रहे। इसकी वजह है उच्चतर शिक्षा निदेशालय (डीएचई) की नई पॉलिसी। जिसके तहत इस बार से एक्सटेंशन लेक्चरर के लिए रिटायर्ड प्रिंसिपल या एसोसिएट प्रोफेसर की ही सेवाएं ली जानी है।
पिछले साल तक पीएचडी, एमफिल और नेट की पात्रता रखने वाले फ्रेशर की सेवाएं ली जाती थीं। लेकिन गेस्ट टीचरों के आंदोलन से सहमी सरकार ने कॉलेजों में भी एक्सटेंशन लेक्चरर के लिए रिटायर्ड लोगों की सेवाएं लेने का ही नियम बना दिया, ताकि बाद में नियमित होने की मांग उठे। अब दिक्कत यह है कि इतनी संख्या में रिटायर्ड लोग नहीं मिल रहे, जो हैं भी वो 250 रुपए प्रति पीरियड की दर (अधिकतम 18 हजार रुपए मासिक) पर सेवाएं देने को तैयार नहीं। इसी वजह से कॉलेजों में पढ़ाई बाधित हो रही है। कॉलेजों में 15 दिन पहले सत्र शुरू हो चुका है। प्रदेश में कई जगह तो स्टूडेंट्स सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
120 सरकारी काॅलेजों में 4000 एक्सटेंशन लेक्चरर की जरूरत
रोहतक : पंडित नेकीराम कॉलेज में 200 से ज्यादा लेक्चरर की जरूरत है, जबकि यहां पर 63 हैं। केमेस्ट्री और बॉटनी विभाग में तो एक भी टीचर नहीं बचा है। आईसी कॉलेज में पर्यावरण विज्ञान की लेक्चरर नहीं हैं। गल्र्स कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. लक्ष्मी बेनीवाल दलाल बताती हैं कि उन्हें खुद क्लास लेनी पड़ रही है।
कैथल: 15पद खाली पड़े हैं। प्रिंसिपल ऋषिपाल बेदी कहते हैं सरकार ने डाटा मांगा है।
अम्बाला: कैंटके गवर्नमेंट कॉलेज में 37 एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए एक मिला। सिटी के गर्ल्स कॉलेज में पांच पद खाली पड़े हैं।
यमुनानगर: छछरौलीसरकारी कॉलेज में 10 पद खाली हैं।
जींद: गवर्नमेंटपीजी कॉलेज में एक्सटेंशन लेक्चरर के सभी 62 पद खाली। प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी राजकीय महिला कॉलेज में 41 एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए, सिर्फ एक मिला।
करनाल: पंडितचिरंजीलाल लाल शर्मा गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में सभी 65 पद खाली पड़े हैं। गवर्नमेंट महिला कॉलेज के भी एक्सटेंशन लेक्चरर के सभी 33 पद खाली हैं। सरकारी कॉलेजों में कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं।
हिसार: गवर्नमेंटपीजी कॉलेज गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में 90 एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए, सिर्फ तीन मिल पाए हैं। जिसका सबसे ज्यादा असर साइंस विभाग पर पड़ रहा है, जिसमें आधे से ज्यादा गेस्ट फैकल्टी है।
सिरसा: 70 एक्सटेंशन लेक्चरर की जरूरत है।
पानीपत: जिले में चार सरकारी कॉलेजों में 19 एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए, नहीं मिल रहे तो क्लासें प्रभावित हो रही हैं।
भिवानी: जिले में कुल दस कॉलेजों में 500 एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए, 450 पद खाली हैं।
फतेहाबाद: चारसरकारी कॉलेजों में 90 एक्सटेंशन लेक्चरर के पद खाली पड़े हैं। भूना-टोहाना में सबसे ज्यादा दिक्कत है।
रेवाड़ी: 8 कॉलेजों में 130 एक्सटेंशन लेक्चरर चाहिए, लगभग सभी खाली हैं। अब कक्षाएं खाली जा रही हैं।
सोनीपत: खरखौदा गोहाना के सरकारी कॉलेजों में खाली पड़े 13 प्राध्यापकों का वर्कलोड एक्सटेंशन लेक्चररों को उठाना था। db
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