महम (राेहतक) : महम में एससी छात्रों के एमपीएचडब्ल्यू कोर्स के नाम पर समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली लाखों रुपए की सहायता राशि हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह छात्रों को बोर्ड में लिखकर नकल करवा रहा था, पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पंचायती रामलीला ग्राउंड के साथ बने हरियाणा स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में चार अगस्त से एमपीएचडब्ल्यू (मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर) की परीक्षा चल रही है। एससी छात्रों के लिए होने वाली इस परीक्षा में बोर्ड पर नकल करवाई जा रही थी। सूचना पर गुुरुवार को इंस्पेक्टर ज्योतिशील भटनागर ने पुलिस टीम के साथ यहां छापामारी की।
यहां पकड़े गए छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा संचालक एससी छात्रों के नाम पर मिलने वाली लाखों रुपये की सहायता राशि हड़पने के लिए इस तरह से नकल करवा रहा है। यहां करीब 56 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। छात्रों का कहना है कि जो पेपर एक दिन पहले अन्य जगह संपन्न हो जाता है, उसी पेपर को महम के सेंटर पर अगले दिन लिया जा रहा है।
छात्रों के अारोप पर पुलिस ने हिसार निवासी अरुण सांगवान रवि, भराण निवासी नवीन तथा महम के रहने वाले संदीप के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारी रामनिवास ने बताया कि चारों गिरोह चलाकर एससी वर्ग के छात्रों से ठगी करते थे। गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल हैं इस बारे पूछताछ जारी है।
ऐसे हो रही घपलेबाजी
छात्र अमित, राजबीर आदि ने बताया कि उन्होंने एमपीएचडब्ल्यू की परीक्षा के फार्म भरे थे। लेकिन हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के बजाए कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी से संबंधित केशुएक कैंपस बीकानेर संस्थान के नाम से रोल नंबर स्लिप जारी कर परीक्षा दिलवाई जा रही है। परीक्षा संपन्न होने के बाद यह गिरोह हमारी सहायता राशि हड़प जाएंगे।
क्या है एमपीएचडब्ल्यू
क्या है एमपीडब्ल्यू समाजकल्याण विभाग एससी छात्रों के लिए मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीएचडब्ल्यू) का डेढ़ साल का कोर्स आयोजित करवाता है। इसमें कोर्स पूरा होने के बाद विभाग की ओर से प्रतिछात्र एक लाख अस्सी हजार रुपये दिए जाते हैं। इस कोर्स के आधार पर छात्रों को कार्य भी मिलता है। db
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