करनाल : हरियाणा राजकीय हिंदी अध्यापक संघ ने ऐलान किया है कि यदि सर्विस रूल्स 2012 की आड़ लेकर 2012 से पूर्व लगे सीएंडवी शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित किया गया तो प्रदेशभर के ¨हदी अध्यापक किसी भी प्रकार का कड़ा कदम उठाने को विवश होंगे। जिसके लिए पूरी तरह प्रदेश सरकार व विभागीय अधिकारी जिम्मेवार होंगे। उपरोक्त चेतावनी संघ के राज्य प्रधान सुशील सोनी, राज्य सचिव मदनलाल पाल व प्रवक्ता कृष्ण कुमार निनानिया ने देते हुए कहा कि जो हिंदी अध्यापक बीए, प्रभाकर, ओटी ¨हदी, एमए ¨हदी हैं, उन्हें उनकी वरिष्ठता के आधार पर हिंदी प्राध्यापक पदोन्नत किया जाए। उन्होंने सरकार व विभाग से अपील की कि वर्ष 2012 से पूर्व में नियुक्त हुए ¨हदी अध्यापकों पर पदोन्नति में बीएड की शर्त न थोंपी जाए। बल्कि ओटी संस्कृत की तर्ज पर ओटी हिंदी को बीएड के समकक्ष मान कर प्राध्यापक पदों पर पदोन्नति के साथ-साथ मिडिल हेड पदों पर भी पदोन्नति की जाए अन्यथा प्रदेशभर के हजारों राष्ट्रभाषा शिक्षक न केवल पदोन्नति से वंचित होंगे बल्कि राष्ट्रभाषा के साथ भी यह कड़ा अन्याय होगा। उन्होंने मांग की कि सर्विस रूल्स 2012 से विषय अनिवार्यता की शर्त न हटाई जाए, क्योंकि ये शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बेहद जरूरी है और प्रदेशभर के मिडिल स्कूलों में हिंदी शिक्षक का पद तत्काल सृजित किया जाए। उच्च विद्यालयों में भी हिंदी भाषा शिक्षक का प्रथम पद माना जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के हिंदी शिक्षकों की मांगों का जायज मांग पत्र प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री प्रधान सचिव शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा जा चुका है और कई जिलों से सीएम ¨वडो में भी शिकायत दर्ज करवाई जा रही है। यदि सरकार उनकी मांगों को दरकिनार करती है तो हिंदी शिक्षक कुछ भी कदम उठाने को मजबूर होंगे। dj8:04
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