** जैसे जैसे रिपोर्ट मिलती जायगी जोइनिंग होती जायगी
चंडीगढ़ : हरियाणा के जिन जेबीटी टीचर्स का चयन 14 अगस्त, 2014 और 13 जुलाई, 2015 को हुआ था, उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले काउंसलिंग की जाएगी। यह काउंसलिंग उनके मूल अलॉट जिले में ही की जाएगी। नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल से फाइल पर मंजूरी ली जाएगी। चूंकि अंगूठा निशान मिलान की गति बेहद धीमी है और अभी तक 3347 टीचर्स का अंगूठा निशान सही पाए गए हैं, इसलिए अन्य टीचर्स के अंगूठा या हस्ताक्षर मिलान की रिपोर्ट में समय लगने से टीचर्स में नाराजगी है।
चंडीगढ़ : हरियाणा के जिन जेबीटी टीचर्स का चयन 14 अगस्त, 2014 और 13 जुलाई, 2015 को हुआ था, उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले काउंसलिंग की जाएगी। यह काउंसलिंग उनके मूल अलॉट जिले में ही की जाएगी। नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल से फाइल पर मंजूरी ली जाएगी। चूंकि अंगूठा निशान मिलान की गति बेहद धीमी है और अभी तक 3347 टीचर्स का अंगूठा निशान सही पाए गए हैं, इसलिए अन्य टीचर्स के अंगूठा या हस्ताक्षर मिलान की रिपोर्ट में समय लगने से टीचर्स में नाराजगी है।
अगर यही गति रही तो उनकी ज्वाइनिंग में काफी समय लगना तय है। मेवात जिले के लिए चयनित टीचर्स में से सिर्फ 160 के अंगूठा निशान सही पाए गए हैं। हरियाणा राज्य शिक्षक चयन बोर्ड ने 9870 जेबीटी टीचर्स के लिए आवेदन मांगे थे। मगर दो बार में जारी मूल और वेटिंग लिस्ट के अनुसार बोर्ड और बाद में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कुल 12731 टीचर्स की चयन सूची जारी की है। नियुक्ति पत्र संबंधित जिले के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जारी करेंगे।
14 अगस्त, 2014 को वेटिंग लिस्ट समेत कुल 10218 टीचर्स की चयन सूची जारी की गई थी। इसमें 9048, 20 जिलों और 1170 टीचर्स मेवात जिले से संबंधित थे।
"चयनित जेबीटी टीचर्स को उनके मूल जिले में ही नियुक्ति पत्र काउंसलिंग के बाद जारी किए जाएंगे। जैसे-जैसे लैब से मिलान रिपोर्ट मिलती जाएगी, उन्हें नियुक्ति पत्र जारी होते रहेंगे।"-- केशनी आनंद अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, हरियाणा
हाईकोर्ट से बचे, एफएसएल में फंसे
इन चयनित जेबीटी टीचर्स को नियुक्ति पत्र जारी करने पर पहले तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की रोक रही। अब गत एक अप्रैल को हाईकोर्ट ने न केवल वह रोक हटा ली है बल्कि चयन को भी सही ठहराया है मगर अब ये चयनित टीचर्स फारेंसिक लैब की रिपोर्ट न आने के कारण फंस गए हैं। हाईकोर्ट ने इन चयनित टीचर्स को नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले साइंटिफिक जांच के लिए निर्देश दिए थे। इसलिए तभी से इनकी साइंटिफिक जांच चल रही है। मगर यह गति धीमी है। hb
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