** स्कूल मुखिया अपनी जेब से पैसे खर्च कर रिकॉर्ड ऑनलाइन करने में जुटे
कैथल : दाखिले के लिए आधार लिक व ऑनलाइन एडमिशन सिस्टम स्कूल मुखियाओं के गले की फांस बनता जा रहा है। शिक्षा विभाग ने दाखिले का रिकॉर्ड साथ की साथ ऑनलाइन करने के आदेश दिये हैं, लेकिन राजकीय स्कूलों में कंप्यूटरों की कमी ऑनलाइन एडमिशन प्रणाली में रोड़ा बन रही है।
वहीं दूसरी तरफ दाखिले के साथ आधार ¨लिक करने में भी समस्या आ रही है। अभी तक जिले में हजारों बच्चे ऐसे हैं जिनका आधार कार्ड नही बन पाया है। ऐसे में शिक्षा विभाग के निर्देश स्कूल मुखियाओं के गले की फांस बन गए है। काफी स्कूल मुखिया जेब से पैसे खर्च कर रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने में जुटे है।
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी व स्कूल मुखियाओं को पत्र जारी कर आदेश दिये है कि प्रवेश उत्सव के दौरान ही 100 प्रतिशत दाखिले का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए।
ऑनलाइन एडमिशन दाखिल प्रक्रिया अपनाते हुए पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चों का पूरा रिकॉर्ड उसी दिन ऑनलाइन किया जाए। दाखिला करते समय बच्चे का आधार लिक अवश्य किया जाए। बच्चे के माता पिता को बैंक खाता खुलवाने हेतु सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा जाए।
विभाग के इन आदेशों से जाली दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पने जैसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाए गए कदम से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन अभी तक यह आदेश स्कूल मुखियों के लिए परेशानी बने हुए है। स्कूल मुखिया ना तो विभाग के आदेशों की अवहेलना कर सकते और इन आदेशों को लागू करना भी उनके लिए किसी मुसीबत से कम नही हैं। विभाग ने एडमिशन डाटा ऑनलाइन करने के लिए 10 स्कूलों पर एक राजकीय स्कूल में स्कूल इनफार्मेशन मैनेजर लगाया है। जिस पर काम का काफी दबाव है।
जेब से खर्च रहे पैसे-
राजकीय प्राथमिक स्कूलों व राजकीय मिडल स्कूलों में इंटरनेट व कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं होने से अध्यापक जेब से पैसे खर्च कर बाजारों में निजी दुकानों पर एडमिशन डाटा ऑनलाइन करवा रहे है। इसके लिए अध्यापक स्कूल टाईम में एडमिशन करते हैं। इसके बाद शाम को ऑनलाइन एडमिशन करवाते हैं।
स्कूल मुखियाओं व शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन एडमिशन के लिए कोई बजट नही हैं। इस कारण उन्हें जेब से पैसा खर्च कर दुकानदारों से डाटा ऑनलाइन करवाना पड़ रहा है।
नहीं है कोई व्यवस्था:
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सतबीर गोयत ने कहा कि काफी राजकीय स्कूलों में इंटरनेट तो क्या कंप्यूटर ही नहीं है। ऐसे अध्यापक बाजारों में जाकर ऑनलाइन एडमिशन करा रहे हैं। इसके लिए कोई बजट नहीं, बस शिक्षा विभाग के निर्देश हैं। शिक्षा विभाग को ऑनलाइन एडमिशन करवाने थे तो इसके लिए पहले बजट की व्यवस्था करवानी चाहिए थी।
जिला उप शिक्षा अधिकारी शमशेर सिह सिरोही ने कहा कि एडमिशन का 24 प्रतिशत डाटा ऑनलाइन कर दिया गया है। 10 स्कूलों पर एक-एक स्कूल इन्फार्मेशन मैनेजर लगाए गए हैं। तय समय पर एडमिशन डाटा को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। dj
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