सोनीपत : किसी कारण से नियमित पढ़ाई नहीं कर पाने वाले विद्यार्थी डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन का माध्यम अपनाते हैं, लेकिन वे तब क्या करें जब दूरस्थ शिक्षा के कोर्स की मान्यता पर ही सवाल खड़े हो जाएं। यह समस्या एमडीयू के अंतर्गत दूरस्थ शिक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थियों के सामने रही है। एमडीयू को दूरस्थ शिक्षा की मान्यता अब यूजीसी से दोबारा से लेनी होगी। अगर तय अवधि से पहले ऐसा नहीं होता है तो विद्यार्थियों की डिग्री की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो जाएंगे।
बता दें कि दो साल से एमडीयू ने डिस्टेंस सेंटर्स पर रोक लगाकर केवल मुख्य यूनिवर्सिटी में डिस्टेंस लर्निंग का कोर्स करवा रही है। जिससे स्टूडेंट्स को नुकसान तो हो ही रहा है, वहीं स्टूडेंट्स की कमी के चलते यूनिवर्सिटी को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। सोनीपत के करीब तीन से हजार विद्यार्थी इसी माध्यम से शिक्षा को पूरा करते हैं।
दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करने को इच्छुक स्थानीय काठ मंडी निवासी विपिन शर्मा ने जब कोर्स के बारे में पत्र व्यवहार किया तो यूजीसी की एजुकेशन ऑफिसर मेघा कौशिक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि मान्यता प्रक्रिया पूरी होने से पहले संस्थान डिस्टेंस कोर्स के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं करवा सकते हैं। अगर यूनिवर्सिटी डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन को आगे बढ़ाना चाहती है तो उसे पहले ऑनलाइन आवेदन के साथ-साथ प्रोफॉर्मा के तहत सारी जानकारी 25 अप्रैल तक यूजीसी को भेजनी होगी।
विद्यार्थियों को हो रही है परेशानी :
दूरस्थ शिक्षा की कक्षाएं शहर के कॉलेजों में लगती थी, लेकिन यूजीसी के पास पहुंची शिकायतों के चलते सेंटरों की मान्यता को रद्द कर सेंटरों को ही खत्म कर दिया। मजबूरी में विद्यार्थियों के पास रोहतक जाकर पढ़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.