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Saturday, 2 April 2016

प्रिंसिपल बोले हमे नहीं पता कैसे लगाएं बायोमेट्रिक हाजरी

** डीईओ का दावा : स्कूलों में शुरू हो गई बॉयोमीट्रिक हाजिरी 
अम्बाला : शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत अध्यापकों की हाजिरी के लिए शुरू की गई बॉयोमीट्रिक हाजिरी योजना की पोल शुरुआत के दिन ही खुल गई। सरकार द्वारा 1 अप्रैल से सरकारी स्कूलों में अध्यापकों को इस मशीन के जरिए हाजिरी लगानी थी। टीम ने इस योजना की असलियत जानने के लिए जब स्कूलों के प्रिंसिपलों से बात की तो इसकी सच्चाई कुछ और ही सामने आई। कई स्कूल ऐसे पाए गए जिन्होंने इस मशीन को अभी तक स्कूलों में लगाया ही नहीं है। प्रिंसिपल का कहना है कि उन्हें इस मशीन के बारे में जानकारी ही नहीं दी गई है कि इसे किस तरह से चलाना है। वहीं दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी जिले सिंह अत्री का दावा था कि सभी स्कूलों में शुक्रवार से बॉयोमीट्रिक हाजिरी लगनी शुरू हो गई है। लेकिन स्कूलों की मनमानी इस योजना पर इतनी हावी रही कि उन्होंने अपने ही अधिकारी के निर्देशों को नकार दिया। 
स्कूल क्यों नहीं लगा रहे बॉयोमीट्रिक मशीन
सरकार द्वारा स्कूलों में बॉयोमीट्रिक हाजिरी लगाने की पीछे का कारण था कि कई जगह से शिकायत मिल रही थी कि स्कूलों में अध्यापक सही समय पर नहीं पहुंचते हैं और पहुंचते हैं तो समय से पहले निकल जाते हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए सरकार ने स्कूल में बॉयोमीट्रिक हाजिरी लगाने की योजना बनाई थी। 
सभी स्कूलों में मशीन भेज दी गई हैं 
जिला शिक्षा अिधकारी जिले सिंह अत्री ने बताया कि हमने सभी स्कूलों में मशीन दे दी है जोिक स्कूल में भेज दिए गए हैं। यदि कोई स्कूल इनका इस्तेमाल नहीं कर रहा है तो उसके िखलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
"सभी स्कूलों को मशीन दे दी गई और यदि स्कूलों में इस तरह की खामियां पाई गई हैं तो ऐसे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार की योजना में यदि अध्यापक साथ नहीं देंगे तो कार्रवाई जरूर होगी।"-- जिलेसिंह अत्री, जिला शिक्षा अधिकारी, अम्बाला 
सुभाष कॉलोनी स्कूल में नहीं शुरू हुई सरकार की योजना 
मशीनको लेकर जब स्कूल के हेडमास्टर वीर सेन से बात की तो उन्हें यह तक नहीं पता था कि मशीन स्कूल प्रशासन को लगानी है या फिर विभाग को। जिले के कई सरकारी स्कूलों में दिसंबर जनवरी से ही अध्यापकों की बॉयोमीट्रिक हाजिरी लगना शुरू कर दिया था। लेकिन कुछ सरकारी स्कूल ऐसे निकले जिन्होंने विभाग द्वारा दी गई मशीन को अलमारियों में रखा हुआ है। राजकीय हाई स्कूल सुभाष कॉलोनी में विभाग द्वारा मशीन तो भेज दी है लेकिन स्कूल प्रशासन ने इस मशीन को लगाना ठीक नहीं समझा। 
कहीं खराब तो कहीं लगी ही नहीं 
कैंट सिटी में कई सरकारी स्कूल ऐसे मिले जिनमें या तो मशीन ही नहीं है और स्कूल ने लगाई हुई तो खराब हाे रखी है। राजकीय कन्या हाई स्कूल करधान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पुलिस लाईन, राजकीय ब्वाय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बलदेव नगर इन स्कूल में मशीन तो लगी हुई है लेकिन काम नहीं करती।                                               db 

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