शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ
सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि वे खुद गुड़गांव और कुरुक्षेत्र में यह
कांफ्रेंस करेंगे। इनमें सभी प्रिंसिपल, हेड मास्टर, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी,
जिला शिक्षा अधिकारी समेत तमाम लोगों को बुलाया जाएगा। इस कड़ी में पहली
कांफ्रेंस वे रविवार को कुरुक्षेत्र में करेंगे। जबकि हिसार और सोनीपत में
शिक्षा विभाग के डायरेक्टर इस तरह की कांफ्रेंस करके सरकारी स्कूलों में
ज्यादा से ज्यादा बच्चों का एडमिशन करने की जानकारी देंगे।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगातार बढ़ रहा ड्रॉप आउट का आंकड़ा
शिक्षा
विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य
रूप से परेशानी यह आती है कि दूरी ज्यादा होने के कारण कई बार मां-बाप
लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते हैं। ऐसे मामलों में उन्हें सरकारी की ओर से
साइकिल और स्कूटी दिए जाने जैसी योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। प्राइवेट
के बजाय सरकारी स्कूल में मिड डे मील, मुफ्त किताबें, वर्दी, बस्ते आदि की
सुविधाओं के बारे में भी बताया जाएगा। इस दौरान विभाग की पूरी कोशिश रहेगी
कि जो किन्ही कारणों से स्कूल नहीं रहे हैं, उन्हें स्कूल लाया जाए।
उल्लेखनीय है कि राज्य की ड्रॉप आउट रेट बढ़ने पर कैग रिपोर्ट में भी चिंता
जाहिर की गई है। वर्ष 2010-11 के दौरान प्राथमिक स्कूलों में ड्रॉप आउट
बच्चों की संख्या जहां 26, 430 थी, वहीं वर्ष 2015-16 में बढ़कर यह
1,08,811 बच्चों तक पहुंच गई। इसी तरह उच्च प्राथमिक कक्षाओं में वर्ष
2010-11 में जहां 23,831 बच्चे ड्रॉप आउट थे, वहीं वर्ष 2015-16 में इनकी
संख्या बढ़कर 86,261 हो गई है।
नियम 134ए की सभी सीटों पर होंगे दाखिले :
एकसवाल के जवाब में दास ने बताया कि नियम 134ए के तहत खाली सभी सीटों पर दाखिले कराए जाएंगे। जिन स्कूलों ने सीटें छिपाई हैं, अथवा एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों की पहचान की जा रही है। जल्दी ऐसे सभी स्कूलों को नोटिस जारी करके खाली सीटों की जानकारी ली जाएगी।
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