** लीक था पेपर, फिर भी उसी से करा दी परीक्षा
हिसार : 11वीं के पहले पेपर से लेकर शुक्रवार को हुए गणित विषय की परीक्षा तक कई पेपर तीन दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल होता दिखा। जब नकल माफियाओं के इस मामले का खुलासा किया तो शासन ने भी इस पर संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने मामले पर गंभीरता दिखाते हुए अधिकारियों की जांच टीम बनाई है। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग से यह टीम जल्द हिसार जांच के लिए आएगी। शुक्रवार को जांच कर जल्द सौंपने के भी निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि बोर्ड परीक्षाओं से पहले 9वीं 11वीं की परीक्षाओं में 1 हजार रुपये से लेकर 500 रुपये तक में बिकने का दावा करते हुए व्हाट्स एप पर पेपर से दो दिन पहले ही पेपर की प्रतियां सर्कुलेट हुईं। मगर अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, शिक्षाधिकारियों ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए, ऐसे में शासन को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा।
उचित कार्रवाई होगी: पीके
"हमने पेपर वायरल होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम गठित की है। वह हिसार जाकर पेपर लीक होने का कारण पता करेगी। कानून के आधार पर जो भी उचित कार्रवाई होती की जाएगी।"-- पीकेदास, एसीएस, स्कूल एजुकेशन।
वाट्स एप पर लीक हुआ था प्रश्न पत्र
गुरुवार को वाट्स एप पर 11वीं कक्षा के गणित विषय का पेपर वायरल होने की पहले ही जानकारी दी थी, शुक्रवार को जब पेपर आया तो इसको लेकर अभिभावक भी चौंक गए। दोनों पेपरों में सभी प्रश्न एक दूसरे से मेल खाते दिखे। अधिकांश अभिभावकों का यही कहना था कि इस प्रकार की परीक्षा का फायदा ही क्या जब पेपर लीक खुलेआम हो रहे हैं और जिला शिक्षाधिकारी इस पर काेई कार्रवाई नहीं कर रहे। अभिभावकों ने कहा कि इस मामले में पेपर लीक करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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