** पांच निजी स्कूलों की मान्यता रद करने की सिफारिश, पांच निजी स्कूलों के खिलाफ किया नोटिस जारी
भिवानी: परीक्षाओं के दौरान कोताही बरतने वाले उप अधीक्षकों, पर्यवेक्षकों
व निजी स्कूल संचालकों पर बोर्ड प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। बोर्ड
प्रशासन ने प्रदेश के 22 उप अधीक्षकों, पर्यवेक्षकों को कार्यभार मुक्त कर
दिया है। इसके साथ ही पांच प्राइवेट विद्यालयों के विरुद्ध नोटिस जारी किए
जा रहे हैं और मान्यता रद करने बारे सिफारिश की जा रही है।
हरियाणा
विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव अनिल नागर ने शुक्रवार को बताया कि हरियाणा
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने परीक्षाएं प्रारंभ
होने से पूर्व ही कड़े आदेश दिए थे कि मोबाइल जमा करवाने अनिवार्य हैं तथा
परीक्षार्थियों की तलाशी परीक्षा शुरू होने से पूर्व ही अच्छी तरह ली जाए,
ताकि अनुचित सामग्री का प्रयोग न हो और परीक्षाओं की साख कायम रहे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा भेजे गए लिखित निर्देशों को दोबारा भली-भांति
पढ़े तथा निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करें। सभी परीक्षा केंद्रों पर
सुपरवाइजर अच्छी से विद्यार्थियों की जांच करें, ताकि परीक्षार्थी नकल में
संलिप्त न हो सकें। उन्होंने आगे कहा कि पर्यवेक्षकों को भी प्रतिदिन
केंद्र अधीक्षक को लिखकर देना होगा कि मेरे द्वारा सभी विद्यार्थियों की
तलाशी ली गई है और मोबाइल प्रमुख केंद्र अधीक्षक के पास जमा करवा दिया है।
1पर्ची मिलने पर होगी कार्रवाई1परीक्षा के दौरान जिस पर्यवेक्षक के कक्ष
में 2 या इससे अधिक पर्ची मिलती हैं तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई
की जा रही है। प्रमुख केंद्र अधीक्षकों की अनुपस्थिति, हस्तक्षेप व
अनियमितताएं पाए जाने पर होडल के दो, रोहतक का एक, यमुनानगर का एक एवं
झज्जर के एक प्राइवेट स्कूल को मान्यता रद करने बारे नोटिस जारी किया गया
है। बोर्ड अध्यक्ष जगबीर सिंह ने कहा कि परीक्षा केंद्र पर नियुक्त स्टॉफ,
केंद्र अधीक्षक, पर्यवेक्षक अमला अथवा परीक्षा के लिए किसी भी अन्य ड्यूटि
पर नियुक्त व्यक्ति की परीक्षा संचालन में किसी प्रकार की अनियमितता पाई
जाती है अथवा परीक्षा की पवित्रता भंग करने में संलिप्तता पाई जाती है तो
उनके खिलाफ भी शून्य सहनशीलता की नीति के तहत सख्ती से विभागीय कार्रवाई
की जाएगी।
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