नई दिल्ली : विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने साफ कर दिया है कि एक
जुलाई से देश भर के स्कूलों में मिड-डे मील का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड
अनिवार्य होगा। हालांकि साथ ही बच्चों के लिए इसे बनवाने की जिम्मेदारी भी
सरकार ने ले ली है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि अगर आधार बनवाने की सुविधा
नहीं हुई या कार्ड मिलने में देरी हुई तो मिड डे मील या आंगनबाड़ी की
सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस
पार्टी ने आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने का भारी विरोध किया है।
कैबिनेट सचिवालय ने मंगलवार को कहा कि किसी को आधार नहीं होने की वजह से
मिड डे मील से वंचित नहीं होना होगा। इसने मानव संसाधन विकास मंत्रलय को भी
निर्देश दिया है कि वह बच्चों और इस योजना के तहत काम करने वाली ‘रसोइया
सह सहायक’ के आधार कार्ड बनवाने में सहयोग करें। इसने कहा है कि मिड डे मील
योजना में आधार को लागू किया जाना बेहद जरूरी और उपयोगी है। सभी केंद्रीय
योजनाओं के लाभार्थियों के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया के तहत
यह कदम उठाया जा रहा है। कैबिनेट सचिवालय ने कहा है कि मिड डे मील के साथ
ही एकीकृत बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले लाभ के लिए
भी कहा गया है कि इनके लिए अगर बच्चों को आधार अब तक नहीं मिला है तो
उन्हें यह दिलाने में मदद की जाए। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने
इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक 30 जून तक सभी छात्रों
और रसोइयों को आधार कार्ड हासिल कर लेना होगा। इसके बाद सिर्फ उन्हीं को
छूट मिलेगी, जिन्होंने आधार के लिए पंजीकरण करवाया हो मगर उन्हें आधार
कार्ड नहीं मिल सका हो। यह अनिवार्यता इस योजना के लिए रखी गई ‘रसोईया सह
सहयोगी’ के लिए भी होगी।
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