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Thursday, 30 March 2017

प्रमोशन के एक माह बाद ही विभाग ने रिवर्ट किए पंजाबी, हिंदी और ड्रांइग पीजीटी

** नियमानुसार प्रमोशन न होने का मामला उठने पर हाईकोर्ट ने लिया फैसला 
** शिक्षा विभाग में 22 फरवरी को पंजाबी, हिंदी और ड्राइंग टीचरों को पीजीटी केे पद पर किया था प्रमोट 
राजधानी हरियाणा : शिक्षा विभाग में जिस प्रमोशन के लिए एक साल का समय लगा। आठ बार टीचर का रिकाॅर्ड मांगा गया। इसके बाद भी 656 टीचर की प्रमोशन एक माह भी टिक नहीं पाई। हंगामा होने के बाद शिक्षा विभाग ने प्रमोट टीचर बुधवार को रिवर्ट कर दिए गए हैं। शिक्षा निदेशालय से जारी एक आदेश में सभी टीचर को तुरंत प्रभाव से उन्हें अपने पुराने स्टेशन पर जाने के आदेश दिए गए हैं। बुधवार को विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी वीरेंद्र सहरावत की ओर से जारी इस पत्र में सभी डीईओ को इस आदेश की पालना करने के लिए कहा गया है। शिक्षा विभाग में 22 फरवरी 2017 को पंजाबी, हिंदी और ड्राइंग टीचरों को पीजीटी केे पद पर प्रमोट किया गया था। इसकी प्रक्रिया एक साल से चल रही थी। कम से कम आठ बार तो प्रमोशन होने वाले टीचर का रिकार्ड मांगा गया। टीचरों ने आरोप लगाया कि इस प्रमोशन में गड़बड़ी हुई है। सीनियर की जगह जूनियर टीचरों को प्रमोट कर दिया गया। प्रमोशन से वंचित रहे टीचर ने पहले तो हेड आफिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई। यहां सुनवाई होने की वजह से उन्होंने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की। मामला कोर्ट में जाते ही शिक्षा विभाग ने यह कदम उठा कर फजीहत होने से बचाई। 
आईटी विभाग ने नहीं निभाई जिम्मेदारी
इस गड़बड़ी के लिए काफी हद तक शिक्षा विभाग का आइटी सेल जिम्मेदार माना जा रहा है। रिवर्ट टीचर ने कहा कि उनका पूरा रिकाॅर्ड एमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध है। जब यह लिस्ट बनाई जा रही थी, तब भी यदि सीनियोरिटी चैक कर ली जाती तो यह दिक्कत आती लेकिन आईटी विभाग ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई। इस वजह से जूनियर प्रमोट लिस्ट में शामिल हो गए ओर सीनियर बाहर रह गए। 
अनुशासनात्मक कार्रवाई की हिदायत के बाद भी डीईओ ने एसीआर हेड आॅफिस नहीं भेजी 
टीचर ने बताया कि समय पर उनकी एसीआर मुख्यालय तक भेजी नहीं जाती। इस वजह से खासी दिक्कत आती है। इस साल भी 17 मार्च तक हेड आॅफिस से जिला शिक्षा और मौलिक अधिकारियों से 17 मार्च तक प्रमोशन होने वाले टीचर के नाम मांगे थे। यह भी हिदायत दी थी कि इस बार योग्य टीचर का केस ही भेजा जाए। 25 मार्च तक मुख्यालय में 994 टीचर की एसीआर भेजी ही नहीं गई। तब निदेशालय से हिदायत जारी की कि यदि 28 मार्च तक एसीआर रिपोर्ट नहीं पहुंची तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 



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