.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Friday, 10 March 2017

सरकारी या पैनल अस्पताल में ही अध्यापक करवाएं उपचार

फतेहाबाद : अध्यापकों को अपना व अपने परिवार के सदस्यों का उपचार करवाते समय सरकार के पैनल में शामिल अस्पतालों का ध्यान रखना होगा। अगर इससे इतर अस्पतालों में उपचार करवाते हैं तो मेडिकल बिल पास होने में दिक्कत आ सकती है। यहां तक कि बिल रद भी हो सकते हैं। पैनल से बाहर अस्पतालों से आ रहे मेडिकल बिलों से परेशान मौलिक शिक्षा निदेशक ने अध्यापकों को अपना व अपने परिवार का उपचार सरकारी या सरकार से मान्यता प्राप्त अस्पतालों से उपचार करवाने की हिदायत दी है। निदेशक का कहना है कि अध्यापकों द्वारा अपना व अपने परिवार का इलाज सरकारी या सरकार से मान्यता प्राप्त अस्पतालों से न करवाकर पैनल से बाहर अस्पतालों से करवाया जाता है जिनकी स्वीकृति सरकार से नियमों में ढील प्राप्त करने के बाद पीजीआइ व एम्स की रेट दिए जाते हैं। जिससे शेष राशि का भुगतान नहीं किया जाता। इससे कर्मचारी का वित्तीय नुकसान के साथ-साथ विभाग का समय भी बर्बाद होता है।
अधिकतर जिलों में नहीं पैनल अस्पताल : 
प्रदेश के अधिकतर जिलों में सरकार से मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पताल नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम के 7, फरीदाबाद के 8, हिसार के 5, मोहाली के 3, पंचकूला के 2, चंडीगढ़ के 3 तथा नोयडा, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, पानीपत, रोहतक व जींद का एकअस्पताल सरकार से मान्यता प्राप्त पैनल अस्पतालों में शामिल है।
"निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा के आदेश आए हैं जिसमें कहा गया है कि  अध्यापक अपना व अपने परिवार का उपचार सरकारी या सरकार से मान्यता प्राप्त अस्पतालों से उपचार करवाएं।"-- दयानंद सिहाग, उप जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.