** कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं
चंडीगढ़ : हरियाणा के विभिन्न विश्वविद्यालयों से अटैच
(संबद्ध) कोई भी बीएड और इंजीनियरिंग कॉलेज अब अन्यत्र स्थानांतरित नहीं
होंगे। राज्य सरकार ने यह नीतिगत फैसला लिया है। जिन कॉलेजों को विभिन्न
विश्वविद्यालयों से स्थानांतरित भी कर दिया गया है, उन्हें वापस पुराने
विश्वविद्यालयों से ही अटैच करने की प्रक्रिया में जल्द तेजी लाई जाएगी।
बीएड और इंजीनियरिंग कॉलेजों को एक यूनिवर्सिटी से हटाकर दूसरी यूनिवर्सिटी
के साथ अटैच करने के फैसले का विरोध होने के बाद सरकार ने नया निर्णय लिया
है। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने सभी कॉलेज वापस
विश्वविद्यालयों के साथ जोड़ने का एलान विधानसभा में किया था, जिसके बाद
शिक्षा विभाग ने प्रRिया आरंभ करने का मन बना लिया है।
कुरुक्षेत्र के
भाजपा विधायक सुभाष सुधा चाहते थे कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को केंद्रीय
विश्वविद्यालय में तबदील करने की प्रRिया शुरू की जाए, लेकिन कांग्रेस के
कर्ण सिंह दलाल ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार से ही पूछ लिया कि
यूनिवर्सिटी और केंद्रीय विश्वविद्यालय की सुविधाओं और पढ़ाई के स्तर में
क्या अंतर है। सरकार इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई, लेकिन यह जरूर स्पष्ट
कर दिया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय में तबदील
करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। लाडवा के भाजपा विधायक डा. पवन सैनी
ने भी यूनिवर्सिटी से बीएड और इंजीनियिरंग कॉलेज हटाने का विरोध किया, जबकि
कांग्रेस विधायक आनंद सिंह दांगी का कहना है कि जिन कॉलेजों को पूर्व में
हटाया जा चुका है, उन्हें भी वापस पुरानी यूनिवर्सिटी के साथ अटैच किया
जाना चाहिए। पिछले साल रोहतक यूनिवर्सिटी से अटैच कई कॉलेजों को
स्थानांतरित कर दिया गया था, जिस पर दांगी ने आपत्ति जाहिर की थी। पेहवा
के इनेलो विधायक स. जसविंद्र सिंह संधू ने भी कॉलेज ट्रांसफर का मुद्दा
उठाते हुए कॉलेज कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग की। शिक्षा मंत्री
प्रो. रामबिलास शर्मा का कहना है कि कोर्ट केस के कारण केयूके मैस में काम
कर रहे कर्मचारियों को दिक्कत आ रही है।’
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