परीक्षार्थियोंके रिश्तेदार ढूंढते हैं जुगाड़
परीक्षादेने
वाले परीक्षार्थी के के साथ एक दो युवक अवश्य साथ आते हैं ताकि उन्हें नकल
की पर्ची पकड़ा सके। पेपर शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र में यह पता
किया जाता है कि ड्यूटी पर कौन कौन तैनात है और फिर वह किस की बात मान सकता
है जिससे उनके बच्चे को पर्ची करते हुए किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
अक्सर देखने में आता है कि जब कोई परिचित व्यक्ति साथ आता है तो शर्म में
परीक्षा केंद्र पर तैनात अधिकारी या कर्मचारी बोल देता है कि आपको चिंता
करने की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद पर्ची पकड़ाने तथा फेंकने का सिलसिला
शुरू होता है। सूत्रों की माने तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बात का
ध्यान रखा जाए कि एक भी परीक्षार्थी नकल से नहीं बल्कि अपनी अकल से पास
हो।
पिछलेसाल दावे हुए थे फुर्र
पिछलेसाल हुई सेकंडरी और सीनियर
सेकंडरी परीक्षाओं में सेमेस्टर सिस्टम लागू था तो विद्यार्थियों की संख्या
कम थी इस बार सेमेस्टर सिस्टम को हटा दिया गया है इसलिए अब परीक्षा
केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। अब देखने वाली बात यह होगी
कि परीक्षा को नकल रहित बनाने के लिए बोर्ड प्रशासन कितना सख्त रवैया
अपनाएगा।
पिछले साल भी जब परीक्षा शुरू हुई थी तो बोर्ड अधिकारियों की
तरफ नकल रहित परीक्षा करवाने के दावे किए गए थे। जिस समय परीक्षा शुरू हुई
तो नजारा बदल गया। जितने परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में पेपर दे रहे थे
उससे दो गुणा परीक्षा केंद्रों पर नकल पकड़ाने के लिए तैनात थे।
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