अभी यह होता है:
सीबीएसईसे एफिलिएटिड स्कूलों में असेसमेंट और एग्जाम का पैटर्न एक जैसा नहीं है। कोई 3 तो कोई 4 परीक्षा लेता है। सभी परीक्षाओं का औसत निकालकर सालाना रिजल्ट बनता है। ऐसे में सबके रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न भी अलग-अलग रहता है। अब दो ही परीक्षाएं होंगी।
रिपोर्ट कार्ड पर स्कूल का लोगो भी रहेगा
स्कूलप्रबंधन को यूनिफॉर्म रिपोर्ट कार्ड के लेफ्ट में सीबीएसई का लोगो अनिवार्य रूप से लगाना होगा। राइट में स्कूल का लोगो रहेगा। रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन भी डालना पड़ेगा।
नॉलेज के साथ दूसरी एक्टिविटीज भी रहेंगी :
रिपोर्ट कार्ड में स्पोर्ट्स अन्य एक्टीविटीज की परफॉर्मेंस भी रहेगी। को-स्कॉलिस्टिक एक्टीविटीज बॉक्स में 'ए' ग्रेड यानी आउटस्टैंडिंग, 'बी' माने वैरी गुड और 'सी' यानी फेयर माना जाएगा। अनुशासन कॉलम में भी ऐसी ही ग्रेडिंग रहेगी। इससे स्टूडेंट्स का बहुत ज्यादा रिकॉर्ड रखने का झंझट खत्म होगा।
फायदा: माइग्रेशनपर आसानी से होगा दाखिला
रिपोर्टकार्ड एक जैसा होने के बाद माइग्रेशन पर दूसरे राज्य में जाने वाले स्टूडेंट्स का दाखिला आसानी से हो जाएगा। रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन रहेगा। कोई भी स्कूल इन्हें आसानी से जांच सकेगा।
मकसद: छठीसे ही 10वीं के बोर्ड की तैयारी हो
सीबीएसईसत्र 2017-18 से 10वीं कक्षा में ग्रेडिंग खत्म कर नंबर सिस्टम लागू कर रहा है। पैटर्न बदलने का मकसद छात्रों को छठी कक्षा से ही 10वीं के बोर्ड के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है।
छठी से आठवीं तक साल में 100-100 मार्क्स की दो परीक्षा
टर्म-1:
- 100अंक की होगी। 20 अंक छात्र के व्यवहार और शैक्षणिक गतिविधि के होंगे। बाकी 80 अंक लिखित परीक्षा के।
- 20 अंक लिखित परीक्षा से पहले ही तय कर लिए जाएंगे। इनमें से 10 अंक पीरियोडिक टेस्ट के रहेंगे। स्कूल द्वारा पीरियोडिक टेस्ट की घोषणा तक कवर सिलेबस इसमें शामिल किया जाएगा।
- बाकी के 10 अंक दो जगह बंटेंगे। 5 नोटबुक सबमिट करने के और 5 अंक विषयों के प्रति छात्र की समझ के लिए दिए जाएंगे।
- यह 20 अंक बाद में 80 अंकों की परीक्षा के साथ जोड़े जाएंगे।
टर्म-2:
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