चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए अगले सत्र से
पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं शिक्षा बोर्ड लेगा। इसके लिए शिक्षा का
अधिकार अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। फिलहाल उच्च स्तर पर मंथन किया जा
रहा है। शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में यह बात
कही। प्रश्न काल में पूर्व शिक्षा मंत्री व कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने
यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पांचवीं और आठवीं की
परीक्षा को लेकर भ्रम की स्थिति है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो
रही है।
इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने
स्कूलों में विद्यार्थियों को फेल न करने की नीति लागू की थी जिसमें
शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ा। उन्होंने उस नीति को
अमनोवैज्ञानिक कानून की संज्ञा दी और कहा कि वर्तमान सरकार ने इसमें बदलाव
करते हुए वर्ष 2015 से मासिक टेस्ट लेने शुरू किए जिससे स्कूली शिक्षा में
काफी सुधार हुआ है।
रामबिलास ने कहा कि अगर बच्चों के पास होने की अनिवार्यता न हो तो वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। इसलिए हमारी सरकार आने वाले सत्र में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं फिर से शुरू करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने शिक्षा में सुधार पर गीता भुक्कल के नेतृत्व वाली कमेटी की रिपोर्ट केंद्र द्वारा स्वीकार किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार उन्हें सम्मानित कर सकती है।
रामबिलास ने कहा कि अगर बच्चों के पास होने की अनिवार्यता न हो तो वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। इसलिए हमारी सरकार आने वाले सत्र में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं फिर से शुरू करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने शिक्षा में सुधार पर गीता भुक्कल के नेतृत्व वाली कमेटी की रिपोर्ट केंद्र द्वारा स्वीकार किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार उन्हें सम्मानित कर सकती है।
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