नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ से पैसे निकालना आसान हो गया है। कर्मचारियों को अब महज 15 दिनों में पैसे मिल जाएंगे। अभी तक ऐसी कोई समय सीमा नहीं थी। कार्मिक मंत्रालय के संशोधित नियमों के मुताबिक बीमारी जैसी इमरजेंसी में एक हफ्ते में पैसे मिलेंगे। पैसे निकालने के लिए 10 साल की नौकरी जरूरी है। अभी तक यह समय 15 साल का था। 12 महीने के वेतन के बराबर या खाते में जमा रकम का तीन-चौथाई यानी 75% निकालने की अनुमति होगी।
वही मान्य होगा। बीमारी में खाते में जमा रकम का
90% निकाला जा सकेगा। पैसे निकालने के लिए कोई कागजी सुबूत नहीं देना
पड़ेगा, डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर देना ही काफी होगा। हालांकि कर्मचारी के
विभाग प्रमुख (एचओडी) की इजाजत जरूरी होगी। अभी रिटायरमेंट से पहले एक साल
के भीतर बिना कारण बताए 90% पैसे निकालने की इजाजत है। इसे बढ़ाकर दो साल कर
दिया गया है।
इन कार्यों के लिए होगी पैसे निकालने की अनुमति
पढ़ाई : प्राइमरी,सेकंडरी और उच्च शिक्षा के लिए पैसे निकालने की अनुमति होगी। अभी तक हाई स्कूल के बाद की पढ़ाई के लिए ही पैसे निकाले जा सकते थे।
मंगनी-शादी: अपनी,परिजनों या आश्रितों की मंगनी, शादी या इलाज के लिए पैसे निकाल सकते हैं। अब किसी परिजन की मौत पर भी पैसे निकालने की इजाजत होगी।
कार-बाइक: अबकार, मोटरसाइकिल, बुक करने, खरीदने, इनके लोन का भुगतान करने रिपेयरिंग के लिए भी जीपीएफ का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन कार्यों के लिए होगी पैसे निकालने की अनुमति
पढ़ाई : प्राइमरी,सेकंडरी और उच्च शिक्षा के लिए पैसे निकालने की अनुमति होगी। अभी तक हाई स्कूल के बाद की पढ़ाई के लिए ही पैसे निकाले जा सकते थे।
मंगनी-शादी: अपनी,परिजनों या आश्रितों की मंगनी, शादी या इलाज के लिए पैसे निकाल सकते हैं। अब किसी परिजन की मौत पर भी पैसे निकालने की इजाजत होगी।
कार-बाइक: अबकार, मोटरसाइकिल, बुक करने, खरीदने, इनके लोन का भुगतान करने रिपेयरिंग के लिए भी जीपीएफ का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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