बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय, सीएम विंडो, शिक्षा मंत्री,
राज्यपाल को पत्र लिख न्याय मांगा। दिव्या ने भी राज्यपाल को मार्मिक पत्र
लिखा था, जिसमें लिखा कि सरकार महज दीवारों, गाड़ियाें और अखबारों में ही
नारे लिखकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर जोर दे रही है। असल में बेटियों के साथ
बहुत बुरा सलूक हो रहा है। लगातार दबाव बनने पर ही एमडीयू ने जांच कमेटी
बैठाई थी।
दूसरे की आंसरशीट में मिले पन्ने
जांच में
सभी आंसरशीट जांची गई तो पाया कि इसी सेमेस्टर की परीक्षा दे रहे काॅलेज के
छात्र झज्जर निवासी कमल की आंसरशीट में दिव्या के लिखे हुए सभी पेज पिन
लगे हुए मिले। एमडीयू प्रशासन ने कमल समेत सीबीएसई कॉलेज की पूर्व फैकल्टी
रहे हरदीप लौरा और प्रदीप चौधरी के खिलाफ केस दर्ज कराया।
"आंसरशीट के
पन्ने बदलने के मामले की जांच चल रही है। आरोपी लेक्चरर को भी तफ्तीश में
शामिल किया जाएगा।"-- राजबीर, एसआई, जांच अधिकारी, रोहतक
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