कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार बच्चों के बस्तों का बोझ
करने की योजना बना रही है। आगामी शैक्षणिक सत्र में इसे 50 स्कूलों में
शुरू किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रणव किशोर दास ने
कहा कि विद्यालयों को अधिक तनावमुक्त व ज्वायफुल करना विभाग की सबसे बड़ी
प्राथमिकता है ताकि बच्चों की शिक्षा व शिक्षण में रुचि बढ़ सके। उन्होंने
कहा कि बच्चों को कठोर दंड देना अमानवी है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त
नहीं किया जा सकता।
इस योजना के तहत पूरा साल बच्चे बिना बस्ते के ही स्कूल जाएंगे। उनके बैग
स्कूल में ही रखे जाएंगे। दास ने कहा िक यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इसे
प्रदेशभर के स्कूलों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में
बेहतर माहौल देने के लिए शैक्षणिक सत्र के आरम्भ प्रवेश उत्सव पूरी भव्यता
से मनाए जाए तथा अप्रैल का महीना कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत खेल-खेल
में पढ़ाई पर केंद्रित हों। उन्होंने कहा कि अध्यापक विभाग द्वारा शुरु की
गई बेटी बचाओ-बचाओ पढ़ाओं, बेटी का सलाम राष्ट्र के नाम, ज्वायफुल सैट्रडे,
क्वीज क्लब, कैचअप प्रोग्राम को गंभीरता से लागू करे। दास रविवार को
हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वद्यिालय के आडिटोरियम
में आयोजित कक्षा तत्परता कार्यक्रम की मंडल स्तरीय कार्यशाला को संबोधित
कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पढ़ाई का उद्देश्य केवल सूचनाएं व जानकारी
इकट्ठा करना नहीं हैं।
पहला चरण सोचनापहला चरण सोचना, दूसरा उसे अभिव्यक्त करना और तीसरा चरण उस ज्ञान को कार्यान्वित करना हैं। हमें स्कूलों में भावी नागरिक तैयार करने हैं जो समाज के प्रति जवाबदेह हो। छात्र का अपना एक अभिमत विकसित हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा के 3 स्तर हैं जिन्हें व्यवस्थित ढंग से विकसित करना अध्यापक का कार्य हैं।
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