नई दिल्ली : कैरियर, घर और बच्चों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती
नौकरीपेशा महिलाओं के लिए खुशखबरी है। मां बनने पर उन्हें 26 सप्ताह का
मातृत्व अवकाश मिलेगा। संसद के दोनों सदनों से इसे हरी झंडी मिल गई है।
गुरुवार को लोकसभा ने मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक 2016 पर अपनी मुहर लगा
दी। राज्यसभा पिछले साल अगस्त में ही इस विधेयक को पास कर चुकी है। महिला
एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है।
नये
विधेयक में नौकरीपेशा महिलाओं को दो बच्चों के जन्म के समय 12 सप्ताह के
बजाय 26 सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है। इस संशोधन
विधेयक के जरिये मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 में संशोधन करके मातृत्व अवकाश
की अवधि बढ़ाई गई है। यह कानून 10 से अधिक कर्मचारियों के सभी प्रतिष्ठानों
पर लागू होता है। इससे संगठित क्षेत्र की करीब 18 लाख महिला कर्मचारी
लाभांवित होंगी। संशोधन बिल में दो बच्चों के जन्म पर 26 सप्ताह के मातृत्व
अवकाश का प्रावधान है। तीसरे बच्चे के जन्म पर सिर्फ 12 सप्ताह का ही
मातृत्व अवकाश मिलेगा। मातृत्व अवकाश के दौरान पूरा वेतन मिलेगा। इस कानून
का लाभ उन महिलाओं को भी मिलेगा जिन्होंने 3 माह से कम उम्र का बच्चा गोद
लिया होगा। ऐसे मामलों में मातृत्व अवकाश की तिथि उस दिन से गिनी जाएगी जिस
दिन मां को बच्चा सौंपा जाएगा। पहली बार सरोगेसी में भी मातृत्व अवकाश का
प्रावधान किया गया है। विधेयक के पास होने के बाद भारत दुनिया का तीसरे
नंबर का देश हो गया है जहां सबसे ज्यादा मातृत्व अवकाश मिलेगा।
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