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Saturday, 11 March 2017

सेंटर सुपरिंटेंडेंट के पास नहीं भेजते ड्यूटी देने वालों की फोटाेयुक्त सूची, फर्जी रिलीविंग लेटर से नकल का खेल

** असली टीचर अपने निजी स्कूलों में पढ़ा रहे थे, नकल गिरोह तक कैसे पहुंच गई ड्यूटी की सूची
** एक साथ इतने फर्जी टीचर की ड्यूटी एक ही सेंटर पर आने से भिवानी तक घूमी शक की सूई
** निजी एजेंसी कर रही परीक्षा संचालन
रोहतक : हरियाणाविद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा नकलविहीन परीक्षा के लिए बनाए नियम उल्टे पड़ रहे हैं। बोर्ड की ओर से सेंटर सुपरिंटेंडेंट के पास भेजे जा रहे ड्यूटी चार्ट में केवल नाम होता है फोटो नहीं। ऐसे में सेंटर सुपरिंटेंडेंट के पास वेरीफिकेशन का कोई तरीका नहीं होता और फर्जी आईडी से ड्यूटी देना आसान है। बोहर परीक्षा केंद्र में भी यही हुआ। यहां 7 मार्च को दूसरे की जगह ड्यूटी दे रहे 4 आरोपी पकड़े थे। जबकि सेंटर पर फर्जी शिक्षकों की संख्या 11 तक हो सकती है। वहीं, बोर्ड निजी स्कूलों के बीच कम्युनिकेशन का कोई पुख्ता जरिया नहीं है। पेपरलेस सिस्टम के चक्कर में ई-मेल या एसएमएस के जरिये सूचनाएं भेजी जाती हैं। 
जिन स्कूलों के टीचर्स की ड्यूटी बोहर में लगी थी, उनमें से दो का कहना है कि बोर्ड की ओर से कोई ई-मेल नहीं आई। वे सेंटर पर ही नहीं गए तो इनकी जगह खुद ड्यूटी कैसे लग गई? नकल गिरोह के पास यह लिस्ट कहां से पहुंची? इस सेंटर पर इतने फर्जी टीचर्स की ड्यूटी कैसे लगी? एक साथ इतने असली टीचर्स का सेंटर पर आना संयोग तो नहीं हो सकता। वहीं, परीक्षा के संचालन का जिम्मा बोर्ड की ओर से एक निजी कंपनी को दिया है। इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बोर्ड और निजी स्कूल संचालक आमने-सामने हो गए हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड स्कूल संचालक अजय दिल्ली पुलिस का एएसआई फरार है। इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। 
"शिक्षा अधिकारियों से नकलविहीन परीक्षा करवाने को लेकर सुझाव लिए जा रहे हैं। अगली बार से फोटोयुक्त ड्यूटी सूची जैसे सुझावों पर अमल करके पुख्ता सिस्टम तैयार किया जाएगा।"-- डॉ. जगबीर सिंह, चेयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी। 
परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले केंद्र में पहुंचे थे फर्जी टीचर : सुपरिंटेंडेंट 
बाेहर स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 7 मार्च को 10वीं की अंग्रेजी परीक्षा शुरू होने से ठीक 15 मिनट पहले फर्जी टीचरों का समूह पहुंचा। रिलीव किए सुपरिंटेंडेंट राजेश कुमार ने बताया कि पेपर शुरू होने से ऐन टाइम पर सभी टीचर पहुंचे। इस वजह से पेपर समय पर शुरू करवाने के चलते केवल रिलीविंग लेटर लेकर ही ड्यूटी करने दी। फ्लाइंग ने एक फर्जी टीचर को पकड़ा, लेकिन मुझे 11 पर शक था। बाद में तलाशी लेने पर तीन और को पकड़ा। उसी समय सभी की चेकिंग की जाती तो सभी कमरे ही खाली हो जाते और परीक्षा ठप हो जाती। बाद में सभी टीचर एकदम से चले गए। सभी की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पास सेंटर में 13 टीचर थे, चाहिए 16 थे। वहीं, टीचर गुलाब सिंह का कहना है कि उन्हें यह कहकर सेंटर से वापस भेज दिया कि यहां तो टीचर पूरे हैं। अब कौन सच्चा-काैन झूठा यह तो जांच का विषय है। 
निजी एजेंसी पर भी उठ रही अंगुलियां
बोर्ड परीक्षा में सुपरवाइजरों की ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी बोर्ड ने निजी एजेंसी को दे रखी है, जो सॉफ्टवेयर के जरिए लिस्ट में शामिल शिक्षों की ड्यूटी परीक्षा केंद्रों में लगाती है। जानकार बताते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल के टीचरों की ड्यूटी परीक्षाओं में लगाई है। सवाल है कि जब असली टीचरों को ड्यूटी के बारे में पता नहीं था तो फर्जी टीचरों को ड्यूटी के बारे में कैसे पता चला। शक की सूई भिवानी बोर्ड की ओर भी घूम रही है। 

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