** वेतन न मिलने पर अध्यापकों ने आना बंद किया
गुहला-चीका : सरकार बच्चों को कंम्प्यूटर शिक्षा देने के चाहे लाख रही हो। लेकिन हलका गुहला के अधिकतर स्कूलों में कंम्प्यूटर अध्यापकों की कमी से बच्चे कंम्प्यूटर शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। लगभग दो वर्ष पहले सरकार ने एनआईसीटी कंपनी के माध्यम से छठी से बारहवीं तक के सभी स्कूलों में बच्चों को कंम्प्यूटर की शिक्षा देने के लिए कंम्प्यूटर लैब की स्थापना करवाई थी। इसमें कंपनी द्वारा ही शिक्षकों की नियुक्ति की थी लेकिन लगातार लगभग कई महीनों तक वेतन न मिलने के चलते कंम्प्यूटर शिक्षकों ने कंम्प्यूटर लैब में आना बंद कर दिया। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ा।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के एसएमसी प्रधान सुरेंद्र ने कहा कि विद्यार्थियों की कंम्प्यूटर शिक्षा का बाधित होना एक दुखद पहलू है। वर्तमान समय में कंम्प्यूटर की तालीम हासिल होना निहायत जरूरी है। सरकार द्वारा विद्यार्थियों को कंम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी कंम्प्यूटर शिक्षा का बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा। सुरेंद्र ने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक स्कूल में 8 से 10 लाख रुपए खर्च कर कंम्प्यूटर लैब तो स्थापित की हुई है लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते ये लैब धूल फांक रही हैं।
स्थानीय निवासी पूर्व पार्षद टेकचंद सैनी, गुलशन खुराना, सुरेंद्र सैनी, सुभाष चंद, बलबीर धीमान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जिस कंपनी द्वारा कंम्प्यूटर लैब लगाकर कंम्प्यूटर शिक्षा देने का जिम्मा उठाया गया था उसे शीघ्र शिक्षकों की भर्ती करने के आदेश जारी करे ताकि बच्चों को कंम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान उपलब्ध हो सके। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह पूनिया ने कहा कि कंम्प्यूटर शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए कंपनी से बात की गई थी जिसके बाद कंपनी ने शिक्षकों को भेजना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी स्कूलों में कंम्प्यूटर शिक्षक नियुक्त हो जाएंगे और बच्चों को सुचारू रूप से कंम्प्यूटर शिक्षा मिलेगी। db
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