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Thursday, 3 October 2013

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे पीटीआई


हिसार : प्रदेश के पीटीआइ शिक्षकों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। बुधवार को पानीपत में डीपीई एवं पीटीआइ एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गुरदेव सिंह की अध्यक्षता में शिक्षकों की एक बैठक हुई। इसमें दो कमेटियों का गठन किया गया। एक कमेटी में पांच सदस्य होंगे और यह प्रत्येक रेंज स्तर पर बनाई गई है। ये कमेटी हाईकोर्ट से पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती रद करने के फैसले की कॉपी निकलवाकर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से राय-मशविरा कर, भर्ती रद करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। इसके अलावा प्रत्येक जिला स्तर, 21 सदस्य कमेटी बनाई गई है, जोकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलेगी। इसके अलावा जिलास्तर पर सभी विधायकों व सांसद को ज्ञापन सौंप, शिक्षकों की बहाली की मांग करेगी। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो शिक्षक आंदोलन तेज करेंगे। हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ के प्रधान परमजीत ने बताया कि प्रदेश के 1983 पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती रद करने का निर्णय गलत है। कोर्ट ने भी माना कि गलती चयन प्रक्रिया में हुई। ऐसे में सजा बोर्ड को मिलनी चाहिए, शिक्षकों को नहीं।
सीएम से मिलेगी कमेटी
ऐसे में अब नवगठित 21 सदस्य कमेटी जल्द ही मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलेगी। उनसे मदद की गुहार लगाई जाएगी। शिक्षक भर्ती को रद करने के फैसले में कोर्ट के समक्ष विरोधी पक्ष ने पूर्ण रूप से सही दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं किया है।
अंकों में इजाफा किया
सरकार द्वारा सीधे साक्षात्कार करने की बजाए साक्षात्कार के अंकों में ही इजाफा किया गया है, जोकि नियमों के मुताबिक 60:30 का अनुपात है। साक्षात्कार में 60 प्रतिशत अंक उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता पर आधारित हैं, जबकि 30 प्रतिशत अंक साक्षात्कार के होते हैं। उनका दावा है कि पीटीआइ भर्ती में इसी अनुपात को माना गया है।dj   


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