राजौंद : शैक्षणिक सत्र आधा बीत जाने के बाद बृहस्पतिवार को पाठय़ पुस्तकों की खेप खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंची। सरकार व शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में निशुल्क व गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देने के दावे इसी बात को देखकर हवा हो रहे हैं कि स्कूलों में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं ली जा रही है। पाठय़ पुस्तकें अब खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहुंची है। इन्हें विद्यालयों में छात्रों तक पहुंचते पहुंचते एक सप्ताह ओर लग जाएगा। खंड स्तर पर नियुक्त शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को उस वक्त राहत की सांस ली, जब पाठय पुस्तकों का ट्रक खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहुंचा। छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा का स्तर व गुणवत्ता कैसी भी क्यों न हो, लेकिन अध्यापकांे व विद्यार्थियों तक पाठय पुस्तकें पहुंचने पर अभिभावकों को संतुष्ट करने के लिए प्रमाण तो आ गया है। इसे प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग का ढूल-मूल रवैया कहिए या फिर सरकार की मनमर्जी कि प्रदेश में शिक्षा के साथ आए दिन प्रयोगों के नाम पर छेड़छाड़ की जा रही है। लेकिन, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग शायद दृढ़ संकल्प नजर नहीं आ रहे है। ऐसे में प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग के प्रदेश में कुकुरमुत्ते की तरह फैले निजी स्कूलों को बंद कर सरकारी स्कूलों में निशुल्क व अच्छी शिक्षा देने के दावे कैसे फलीभूत होंगे यह तो शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार के आला अधिकारी ही बता सकते है। खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दर्शना बांगड ने बताया कि चौथी, पांचवीं, सातवीं, आठवीं कक्षा की पाठय पुस्तकें आई है। जबकि तीसरी व छठीं की एक दो दिन में पहुंच जाएगी। पहली व दूसरी कक्षाओं की पुस्तके पहले बांटी जा चुकी है। उन्हांेने बताया कि यह किताबें जल्द ही विद्यार्थियों को दे दी जाएंगी। dj
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