चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में किताबें मुहैया कराने के लिए चयनित पुस्तक प्रकाशक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कठपुतली की तरह नचा रहे हैं। पुस्तक छपाई के मामले में कंपनियों से बार-बार धोखा खा रहे अधिकारी भी कार्रवाई न करने के लिए विवश हैं। उन्हें जवाब-तलब कर ही अपनी भड़ास निकालनी पड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों की मजबूरी यह भी है कि अगर इन कंपनियों को जुर्माना लगाया गया तो भविष्य में हरियाणा और एनसीआर में शिक्षा विभाग की किताबें छापने के लिए कोई कंपनी हामी नहीं भरेगी। इसी का फायदा ये कंपनियां उठा रही हैं। स्कूलों में तीसरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को किताबें मुहैया कराने का काम कछुआ चाल से चल रहा है। अभी 7 वीं और 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों की सात विषयों की किताबें ही स्कूलों में पहुंची हैं। तीसरी से लेकर छठी कक्षा के बच्चों को लगभग सत्तर से अस्सी लाख किताबों की आपूर्ति होना अभी बाकी है। स्कूलों में पहुंची बच्चों की किताबों को शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षाओं में व्यस्त होने के कारण अब तक नहीं खोला है। सूत्रों की मानें तो तीसरी से छठी के बच्चों को किताबें मिलने में अभी हफ्ते या दस दिन और लगेंगे। dj
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