भिवानी : पात्र अध्यापक संघ की फर्जी वेबसाइट बनाकर प्रदेश के पात्र अध्यापकों से लाखों रुपये का चंदा वसूला गया और इसके लिए बाकायदा रसीद भी दी गई। यह मामला अब एसपी के पास पहुंचा है। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने लगभग दो दर्जन लोगों के खिलाफ शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में बताया कहा गया है कि पात्र अध्यापकों से लाखों रुपये झूठ बोलकर वसूले जा रहे हैं और यह पात्र अध्यापकों के साथ अन्याय है।
पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष आनंद घणघस ने एसपी को शिकायत दी है कि उन्होंने 16 जुलाई, 2010 को भिवानी समिति पंजीकरण कार्यालय में संघ का रजिस्ट्रेशन करवाया था। 2009 से यह संघ उनके नेतृत्व में कार्य कर रहा है। मगर, कुछ दिन पहले कुछ लोगों ने संघ की फर्जी वेबसाइट बना डाली और रसीद बुक भी तैयार कर ली। फर्जी वेबसाइट पर संघ का प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा को दिखाया गया है। इसके अलावा अन्य पद व सभी जिला पदाधिकारी भी फर्जी दिखाए गए हैं। घणघस ने बताया कि ये सभी लोग प्रदेश के विभिन्न जिलों से संबंध रखते हैं और प्रदेशभर के पात्र अध्यापकों को बहका रहे हैं।
लाखों का लगाया चूना
आनंद घणघस ने एसपी को दी शिकायत में बताया कि आरोपी फर्जी रसीद से पात्र अध्यापकों से संघ के नाम पर मोटी वसूली कर रहे हैं। वसूली का यह धंधा प्रदेश के सभी जिलों में चलाया जा रहा है। आनंद घणघस ने बताया कि जब पात्र अध्यापकों ने चंदे की बात उनको बताई तो उन्हें इस बारे में पता चला। उसके बाद उन्होंने मामले की जांच की तो यह सारा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया।
वेबसाइट में ये हैं पदाधिकारी
स्टेट प्रेजीडेंट राजेंद्र शर्मा
जनरल सेक्रेटरी सुनील यादव
महिला विंग प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासनी
प्रदेश प्रवक्ता जसबीर गुज्जर
वाइस प्रेजीडेंट प्रेम अहलावत
कोषाध्यक्ष अनिल निमोठ
वरिष्ठ प्रदेश सचिव अनिल अहलावत
ज्वाइंट सेक्रेटरी चरणजीत
बहकावे में न आएं पात्र अध्यापक
"कुछ लोग पात्र अध्यापक संघ का सहारा लेकर पात्र अध्यापकों को लाखों का चूना लगा रहे हैं। उन्होंने पात्र अध्यापकों को बहकाने के लिए फर्जी वेबसाइट भी बना ली है। मैंने इसकी शिकायत एसपी को दी है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मैं पात्र अध्यापकों से अपील करता हूं कि कोई भी उनके बहकावे में न आएं और उनको चंदा न दे।"--आनंद घणघस, प्रदेशाध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ
हम चला रहे हैं संघ
इस मामले में वेबसाइट में प्रदेशाध्यक्ष दिखाए गए राजेंद्र शर्मा ने कहा कि यह संघ आनंद घणघस के नाम से रजिस्टर्ड है, मगर पिछले कई दिनों से हम ही इसे चला रहे हैं। आनंद घणघस सरकारी नौकरी कर रहे हैं। उन्हें सरकारी नौकरी मिलने के बाद हम ही पात्र अध्यापकों की मांगों को सरकार तक पहुंचा रहे हैं और उनकी लड़ाई लड़ रहे हैं। अवैध चंदा वसूली के जो आरोप उसने लगाए हैं, वे सभी निराधार हैं। db
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