बिलासपुर: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दोषपूर्ण कार्यप्रणाली के चलते परीक्षा से एक दिन पहले भी परीक्षार्थियों को रोल नंबर स्लिप नहीं मिल पाई। हालांकि बोर्ड ने पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर रखा है, लेकिन खामियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
हरियाणा बोर्ड की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो रही हैं। बोर्ड ने इस बार ऑनलाइन फार्म भराने की प्रक्रिया अपनाई। इससे उम्मीद की जा रही थी कि गलतियां कम होंगी, लेकिन अब भी स्टूडेंट्स के रोल नंबर स्लिप में अनेक गलतियां पाई जा रही हैं। बोर्ड ने रजत के रोल नंबर स्लिप पर काजल रानी का फोटो लगाकर भेज दिया। परीक्षार्थी ने बताया कि स्कूल में जो चेक लिस्ट बोर्ड की ओर से भेजी गई, उसमें उसका फोटो सही लगा हुआ था। साथ ही बहुत से परीक्षार्थियों के रोल नंबर अभी भी इंटरनेट पर नहीं डाले गए हैं। इन बच्चों के रोल नंबर स्कूल की गलती या तकनीकी खामियों के चलते जारी नहीं किए गए। परीक्षा से एक दिन पहले तक काफी स्टूडेंट्स के रोल नंबर नहीं पहुंचे थे। उन्हें अपने भविष्य की चिंता हो रही है। ऐसे स्टूडेंट्स परीक्षा की कैसे तैयारी कर रहे हैं, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
बेवजह बढ़ा दिया स्टेशनरी का खर्च
स्कूल संचालकों का कहना है कि बोर्ड ने ऑनलाइन फार्म भेजकर अपना काम तो घटा लिया, लेकिन बेवजह स्टेशनरी का खर्च बढ़ा दिया। जहां एक शीट पर बोर्ड चार स्टूडेंट्स के रोल नंबर जारी करता था, अब उसी शीट पर एक परीक्षार्थी का रोल नंबर इंटरनेट से प्रिंट करवाया जा रहा है। इससे स्टूडेंट्स का खर्चा भी बढ़ गया है। प्रिंट आउट निकलवाने के लिए इंटरनेट वाले दस रुपए से बीस रुपए चार्ज कर रहे हैं। जबकि बोर्ड ने परीक्षार्थियों से पूरी फीस ली है। साथ ही स्कूल संचालकों को बोर्ड फार्म के तीन-तीन बार प्रिंट निकलवाने से स्कूलों को काफी खर्च करना पड़ा। इसके बावजूद बोर्ड की खामियां सामने आ रही है। विदित हो कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड आईएसओ से मान्यता प्राप्त है। db
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