चंडीगढ़ : पीटीआइ भर्ती मामले में हाई कोर्ट से झटका खाने के बाद हरियाणा सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। हरियाणा टीचर सलेक्शन बोर्ड केस में फैसला जल्दी और सकारात्मक आने की उम्मीद को बुधवार को तगड़ा झटका लगा जब याची पक्ष ने पीटीआइ भर्ती केस के निर्णय की कापी इस केस से जोड़ने और डिवीजन बेंच के फैसले का अध्ययन करने का आग्रह किया। चीफ जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ के सामने इंद्र पाल गोयत द्वारा दाखिल याचिका पर एडीशनल एडवोकेट ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस मामले में बहस पूरी हो चुकी है और पीटीआइ केस की जजमेंट इस केस से जोड़ने का कोई औचित्य नहीं। इस पर गोयत ने तर्क दिया कि शिक्षक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन नंद लाल पूनिया ही पीटीआइ भर्ती के दौरान स्टाफ सलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन थे। इसलिए पीटीआइ केस का फैसला टीचर भर्ती बोर्ड से जुड़ा है। इस पर खंडपीठ ने पीटीआइ भर्ती केस में हुए फैसले पर विचार करने को सही बताते हुए इसे केस के रिकार्ड में रखने की सहमति दे दी। उधर, पीटीआइ केस के निर्णय को इस केस के साथ रिकार्ड में रखने व इसका अध्ययन करने के निर्णय से फैसला जल्दी आने की संभावना कम हो गई है। हाई कोर्ट में कुछ दिन बाद अवकाश शुरू होने वाले हैं जिसके बाद 21 अक्टूबर को ही कामकाज शुरू होगा। फैसले पर गेस्ट व नियमित टीचरों का भविष्य इस मामले में कोर्ट का फैसला हरियाणा टीचर भर्ती को एक नया मोड़ देगा। अगर हाई कोर्ट इस याचिका को खारिज कर देता है तो पंद्रह हजार से ज्यादा टीचरों की जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है वो चलती रहेगी और जल्द ही उन्हें नियुक्ति मिलनी शुरू हो जाएगी। dj
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