**समय पर किताबें न मिलने से आठवीं तक के बच्चे प्रभावित
चंडीगढ़ : प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त किताबें न मिलने पर पहले मासिक व यूनिट टेस्ट नहीं लिए गए। अब सेमेस्टर टेस्ट भी ठंडे बस्ते में चले गए हैं। किताबें समय पर मुहैया न हो पाने का तर्क देकर पुराने रिकॉर्ड के आधार पर ही अंक देने की तैयारी है। शिक्षा विभाग ने किरकिरी से बचने व पाठ्यक्रम समय पर पूरा कराने के लिए इस बार शैक्षणिक सत्र पहली अप्रैल के बजाए 24 मार्च से शुरू ही करा दिया था। मगर पुस्तक प्रकाशकों ने विभाग की योजना पर पानी फेर दिया। स्कूलों में किताबें समय से वितरित न होने पर शिक्षा विभाग ने सेमेस्टर टेस्ट के लिए अभी तक स्कूलों को निर्देश जारी नहीं किया है। स्कूली शिक्षक अभी दसवीं की री-अपीयर व सेमेस्टर परीक्षाओं में व्यस्त हैं। इसके बाद बारहवीं की सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी और तत्पश्चात शिक्षक मार्किंग में जुट जाएंगे। ऐसे में तीसरी से आठवीं के सेमेस्टर टेस्ट लिए जाने के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह कहते हैं कि यह स्थिति बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। वर्तमान शिक्षा पद्धति में जल्द सुधार नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
वहीं, मौलिक शिक्षा निदेशक डी सुरेश का कहना है कि सेमेस्टर टेस्ट को टाला नहीं गया है। स्कूलों को जल्द ही टेस्ट लेने के लिए निर्देश जारी किया जाएगा। dj
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