** कालेज स्टाफ की संलिप्तता का पता लगाने को बनेगी जांच समिति
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले को लेकर एक और फर्जी मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय से संबद्ध शहीद भगत सिंह कालेज (मार्निग) में जांच के बाद 18 छात्रों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। कालेज प्रशासन ने इन छात्रों का नामांकन रद कर दिया है। नामांकन रद करने का निर्णय कालेज की स्टाफ काउंसिल की बैठक में लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन छात्रों ने दलालों के माध्यम से मोटी रकम देने के बाद यह दाखिला लिया था। फर्जी दाखिले में कालेज के कर्मचारियों की संलिप्तता के बारे में पता लगाने के लिए जांच समिति भी बनाई जाएगी।
बता दें कि यह मामला तब सामने आया है, जब चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्रों का दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा होने वाली है। अब यह भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि प्रमाणपत्रों की जांच के बिना इन छात्रों का दाखिला कैसे हुआ और ये पहले सेमेस्टर की परीक्षा में कैसे शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि प्रमाणपत्रों को फर्जी पाए जाने के बाद कालेज प्रशासन मामले में एफआइआर कराने की सोच रहा है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व नार्थ कैंपस के रामजस कालेज और किरोड़ीमल कालेज के अलावा शहीद भगत सिंह (इवनिंग) में भी फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे दाखिला का मामला सामने आया था।
वर्ष 2013 में नए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्रों के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए रामजस कॉलेज ने फारेंसिक टीम बुलाई थी।
"इस मामले की जांच पहले से चल रही थी। हमें कुछ छात्रों द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने की जानकारी मिली। इसलिए इनसे पहले पूछा गया फिर कार्रवाई की गई। कॉलेज प्रशासन या अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में गवर्निग बाडी की बैठक के बाद जांच समिति बनाने का निर्णय लिया जाएगा।"--डॉ. पीके खुराना, प्रिंसिपल, शहीद भगत सिंह कालेज
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