** वित्त विभाग ने वितरण के बाद ऑनलाइन बजट लिया वापस
** मुख्याध्यापकों को लोन की किस्तें चुकानी भी भारी पड़ रही
चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त बजट नहीं होने से मौलिक स्कूलों के 4500 मुख्याध्यापकों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। हेडमास्टर दो बार मौलिक शिक्षा निदेशक से भी मिल चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। वेतन न मिलने के कारण मुख्याध्यापकों को लोन की किस्तें चुकानी भी भारी पड़ रही हैं। पर्याप्त बजट न होने के कारण शिक्षा निदेशालय ने वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। निदेशालय को वित्त विभाग ने वेतन के लिए जो बजट आवंटित किया था, उसे वापस ट्रांसफर करने से यह दिक्कत आई है। मुख्याध्यापकों की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है चूंकि चालू वित्त वर्ष खत्म होने वाला है और जल्द वेतन का भुगतान न हुआ तो मामला अगले महीने तक अटक सकता है। जिससे घर का खर्च चलाना और मुश्किल हो जाएगा।
10 तक वेतन न मिला तो आंदोलन
हरियाणा स्कूल अध्यापक संघ के अध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि जनवरी व फरवरी महीने की तनख्वाह मिडिल स्कूल मुख्याध्यापकों को अभी तक नहीं मिली है।
मुख्याध्यापकों का वेतन योजनागत बजट से दिया जाता है जो शिक्षा विभाग के पास नहीं है। वित्त विभाग ने बजट आवंटित किया था, जिसे वापस लेने से मुश्किलें बढ़ी हैं। एसोसिएशन दो बार शिक्षा निदेशक के समक्ष मामले को उठा चुका है, लेकिन अधिकारी बजट न होने का हवाला दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 10 मार्च तक मुख्याध्यापकों को वेतन न मिला तो एसोसिएशन को मजबूरन संघर्ष का बिगुल बजाना पड़ेगा। dj
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