** राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शैक्षिक सत्र समाप्ति पर शिक्षा विभाग के फरमान पर जताई आपत्ति
भिवानी - हरियाणा प्राइमरी शिक्षा निदेशालय द्वारा कक्षा तीसरी व पांचवीं के विद्यार्थियों के लर्निंग लेवल जांच के आदेशों पर प्राइमरी टीचरों पर आंच आ सकती है।
शैक्षिक शिक्षा सत्र के समाप्ति पर शिक्षा निदेशालय के इस फरमान पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा एतराज जताया है। विभाग की इस व्यवस्था पर एक सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि प्राइमरी शिक्षक जो कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों की शैक्षिक गतिविधियों को आगे बढ़ाते हैं, इसमें उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। जबकि स्कूल लेक्चरर, मास्टर और सीएंडवी टीचरों को ऐसे बच्चों को पढ़ाने व परीक्षा का पहले कोई भी अनुभव नहीं रहा है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की इसी मसले पर आपात बैठक हुई। बैठक में संघ के जिला प्रधान जंगबीर कासनिया का कहना है कि विभाग ने पहली से पांचवीं तक वार्षिक सतत व्यापक मूल्यांकन की व्यवस्था कायम की हुई हैं, मगर शैक्षणिक सत्र के ऐन समाप्ति के मौके पर विभाग ने अचानक इस तरह का फरमान जारी कर तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चों पर अनावश्यक रूप से मानसिक दबाव बढ़ा दिया है। जंगबीर कासनिया ने कहा कि संघ इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। उनका तर्क है कि स्कूल लेक्चरर, मास्टर व सीएंडवी टीचरों से लर्निंग लेवल जांच कार्य करवाने के बजाय विभाग शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर जेबीटी शिक्षकों से ही क दूसरे विद्यालयों में बच्चों का व्यापक सतत मूल्यांकन ही करवाए। विभाग द्वारा अक्टूबर माह में बच्चों के पाठ्यक्रम की पुस्तकें जारी की गई हैं, ऐसे में बच्चों को पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों का लम्बा इंतजार करना पड़ा, अब उन पर लर्निंग लेवल जांच न्यायोचित नहीं है। db
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