चंडीगढ़ : राजनीतिक दलों से सरकारी कर्मचारियों की दोस्ती कोई नई बात नहीं है। लोकसभा चुनाव में भी सैकड़ों कर्मचारियों के प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने की खबरें आ रही हैं। काफी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने अवकाश ले लिया है और कुछ आवेदन के बाद छुट्टी स्वीकृत होने के इंतजार में हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग को प्रदेश के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से लगभग आधा दर्जन चुनाव अधिकारियों की राजनीतिक मिलीभगत की शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को केंद्रीय चुनाव आयोग के पास भेजा जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक आयोग ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है। सत्यता की कसौटी पर साक्ष्य सही पाए गए तो अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। अधिकारी को डयूटी से हटाने के साथ आरोप गंभीर होने पर उसे निलंबित भी किया जा सकता है। चूंकि आयोग पहले ही ड्यूटी में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को निष्पक्ष तरीके से कार्य करने के निर्देश दे चुका है। प्रदेश के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुलशन गांधी ने बताया कि कर्मचारी के नाम सार्वजनिक करना उचित नहीं है। हां उनके पास शिकायतें आई थीं, जिन्हें जांच के लिए चुनाव आयोग को भेजा गया है। अधिकारियों की नेताओं से सांठगांठ सिद्ध होने पर उनके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत वालगद का कहना है कि चुनाव संबंधी शिकायतें जिला रिटर्निग अधिकारी के पास आ रही हैं। dj
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